नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला एथलीट के सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में बुरी तरह घिरे हरियाणा सरकार के मंत्री संदीप सिंह और गंभीर आरोपों से घिर गए हैं। हरियाणा सरकार भी खुलकर संदीप सिंह के समर्थन में खड़ी हो गई है। पीड़ित महिला एथलीट ने मंगलवार देर शाम हरियाणा सरकार और संदीप सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कई खुलासे किए हैं।
पीड़िता के मुताबिक, उससे कहा जा रहा है कि वह अपना मुंह बंद रखे और देश छोड़कर कहीं भी चली जाए। एक महीने मुंह बंद रखने के लिए 1 करोड़ दिए जाने की पेशकश की जा रही है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इसके बाद भी जितना पैसा उसे चाहिए वह दिया जाएगा।
चंडीगढ़ के सेक्टर 26 पुलिस थाने में केस दर्ज होने के चौथे दिन मंगलवार को पूरे मामले की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के सामने पीड़िता अपने दो वकीलों के साथ पेश हुई। आश्चर्य इस बात है कि सुबह 11 बजे शुरू हुई एसआईटी की पूछताछ बिना किसी ब्रेक के शाम करीब साढ़े सात बजे तक लगातारी जारी थी।
सुबह से ही थाने के सामने मीडिया का भी भारी जमावड़ा था। सवाल इस बात का था कि करीब 8 घंटे से अधिक की पूछताछ हो जाने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी आखिर पीड़िता से क्या जानना चाह रही थी, जो सवालों का दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। इन 8 घंटे से अधिक हो चुके वक्त में चंडीगढ़ पुलिस ने एक बार भी मीडिया को ब्रीफ करने की जरूरत नहीं समझी।
शक इस बात का था कि कहीं चंडीगढ़ पुलिस पीड़िता पर ही कोई दबाव तो नहीं बना रही है, जो बाद में पीड़िता के वकील ने सही साबित कर दिया। भीषण ठंड में मीडिया के हंगामा करने पर आखिर चंडीगढ़ पुलिस तकरीबन शाम साढ़े सात बजे पीड़िता को मीडिया के सामने लेकर आई।
मीडिया के सामने पीड़िता के उठाए गए गंभीर सवालों की फेहरिस्त से हरियाणा की खट्टर सरकार कठघरे में आ गई है। पीड़िता का कहना था कि हमारी शिकायत पर गठित एसआईटी के सामने हर चीज डिटेल में उसने बता दी है।
इस सवाल पर कि आपसे तो पुलिस चौथी बार पूछताछ कर रही है और संदीप सिंह को एक बार भी पूछताछ के लिए अब तक नहीं बुलाया गया है, उसने कहा कि जब तक वह इस्तीफा नहीं देंगे तब तक तो यह दिक्कत रहेगी ही रहेगी। पीड़िता ने कहा कि मुख्यमंत्री जांच को पूरी तरह प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
चंडीगढ़ पुलिस ने 160 के तहत उन्हें नोटिस दिया था कि चंडीगढ़ एसआईटी के सामने पेश होकर आप अपनी पूरी बात बताएं। उसी कॉल पर हम आज सुबह 11 बजे यहां थाने में आ गए थे। करीब आठ घंटे बिना किसी ब्रेक के लगातार एसआईटी ने पीड़िता से सवाल-जवाब किए हैं और सभी के जवाब दिए गए हैं।
पीड़िता के वकील ने कहा कि बेबाकी से हर एक सेकेंड का घटनाक्रम एसआईटी को बताया है। जो भी रिकार्ड पीड़िता के पास उपलब्ध था वह एसआईटी दे दिया गया है। पीड़िता का फोन भी पुलिस ने सीज कर लिया है। चौथी बार पीड़िता ने पुलिस को सारी डिटेल दी है अब काम पुलिस का है।
वकील ने सवाल उठाया कि पुलिस संदीप सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं करती। संदीप सिंह पर 354 बी और 506 की नान बेलेबल धाराएं लगी हुई हैं। बावजूद इसके पुलिस संदीप सिंह को गिरफ्तार नहीं कर रही है। वकील ने कहा कि एक तरफ पीड़िता का फोन पुलिस ने सीज कर दिया है दूसरी तरफ संदीप सिंह का फोन सीज करना तो दूर चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें बुलाया तक नहीं है।
हमने एसआईटी प्रमुख से निवेदन किया है कि चार दिन एफआईआर को हो चुके हैं, लेकिन एक बार भी संदीप सिंह को नहीं बुलाया गया। चंडीगढ़ पुलिस पर भी दबाव के सवाल पर दीपांशु बंसल ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। हम दो या तीन दिन और पुलिस को देंखेंगे। अगर यह सही तरीके से चलेंगे तो ठीक है। अभी तो 164 के तहत बयान ही पीड़िता के नहीं हुए हैं। हम 164 के तहत बयान भी आज ही कराएंगे, जिससे जांच में किसी तरह की डिले न हो।
पीड़िता के वकील ने आगे कहा कि सीएम खुद उनके बचाव में आकर बयान दे रहे हैं। सीएम को तो सबसे पहले उन्हें मंत्री पद से हटाना चाहिए था। हरियाणा पुलिस के हस्तक्षेप के सवाल पर वकील ने कहा कि हर रोज तीन-तीन, चार-चार बार पुलिस पीड़िता के घर आ रही है। वह दबाव डाल रही है। यहां तक कि फोन कॉल आ रहे हैं लोगों के माध्यम से। वह भी हमने सारी डिटेल एसआईटी को दे दी है। लोगों के नाम के साथ फोन नंबर भी दे दिए हैं। कोर्ट में भी हम वह देंगे।
पीड़िता से सवाल करने पर कि हरियाणा सरकार की जांच में क्या वह शामिल हो रही हैं, उसका कहना था कि न तो हरियाणा में मेरे साथ यह हादसा हुआ। यह हादसा चंडीगढ़ का है। लिहाजा, हरियाणा सरकार को मैं बिल्कुल कोआपरेट नहीं कर सकती। पीड़िता ने हरियाणा सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक तो संदीप सिंह को अभी तक पद से हटाया नहीं गया है।
उल्टा पहले तो पीछे से सरकार का सपोर्ट संदीप सिंह को मिल रहा था, लेकिन अब खुल कर सरकार संदीप सिंह को सपोर्ट कर रही है। हमें यह कहा जा रहा है कि आप कितना पैसा लेकर पीछे हटेंगी। कितना पैसा चाहिए। पीड़िता ने कहा कि कहा जा रहा है कि कंप्लेन वापस न लेना, लेकिन मुंह बंद रखने के लिए एक महीने या 15 दिन देश छोड़कर किसी भी देश में, जहां जाना चाहो जा सकती हो।
एक महीने के लिए आपको एक करोड़ दिए जाएंगे मुंह बंद रखने के लिए। इसके बाद आप जितना पैसा चाहेंगी आपको दिया जाएगा। वहीं, वकील ने कहा कि इसकी भी सारी डिटेल एसआईटी को दे दी गई है। सरकार की कारगुजारी यह है कि मुख्यमंत्री खुल कर सामने आकर संदीप सिंह के समर्थन में बयान दे रहे हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का साथ देने की जगह वह एक ऐसे व्यक्ति का साथ दे रहे हैं, जिस पर संगीन धाराओं में केस दर्ज है। यह कोई घर का खेल नहीं है कि मैं गया और सीएम से कहा कि मैं विभाग सौंपता हूं। संदीप सिह को जाकर इस्तीफा देना चाहिए और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो मुख्यमंत्री को उन्हें हटा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा-खेल मंत्री पर आरोप अनर्गल
हरियाणा सरकार में मंत्री संदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के चौथे दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक तरह से खुलकर अपने मंत्री का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि महिला खिलाड़ी ने खेल मंत्री पर अनर्गल आरोप लगाया है। आरोप लगाने से कोई व्यक्ति दोषी नहीं हो जाता है। उसकी आगे पुलिस छानबीन करती है। चंडीगढ़ पुलिस भी उसकी छानबीन कर रही है। हरियाणा पुलिस भी रिपोर्ट एकत्रित कर रही है।
जैसी रिपोर्ट आएगी उस हिसाब से आगे कार्रवाई करेंगे, लेकिन निष्पक्ष जांच के लिए अब वह खेल विभाग के मंत्री नहीं रहेंगे। उनको वहां से हटा दिया गया है, ताकि जांच ठीक से हो। वहीं, हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणू भाटिया ने भी अजीब बयान देकर खुल कर मंत्री का समर्थन किया है। रेणू भाटिया ने कहा है कि खेल मंत्री से हमने बात की है और पूछा कि इस तरह के हमारे पास कॉल आ रहे हैं। क्या कोई इंसीडेंस हुआ है।
इस पर उन्होंने बताया कि इस तरह से नहीं था। रेणू भाटिया ने कहा कि माननीय मंत्री जी ने महिला कोच के आग्रह पर उसे पंचकूला में पोस्टिंग दी। ऐसी कभी कोई बात ही नहीं हुई है। कोई सोच ही इस तरह की नहीं आती। रेणू भाटिया ने कहा कि जिस तरह लड़की के बारे में मुझे बताया गया कि उसकी टी शर्ट फाड़ दी। मैं थोड़ा इस बात पर अभी बिलीव नहीं कर पाउंगी। क्योंकि संदीप जी भी कभी-कभी एग्रेसिव होते होंगे। यह ह्यूमन नेचर है, लेकिन इस तरह की हरकत थोड़ा अनबिलीवबल लगती है।