नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग के बीच मार्च महीने में तब्लीगी मरकज में शामिल हुए सैकड़ों रोहिंग्या मुस्लिम ‘आफत’ बनकर घूम रहे हैं। हजारों जमातियों की तरह ये सैकड़ों रोहिंग्या मुस्लिम कोरोना की चपेट में आकर दिल्ली के लोगों को मुश्किल में भी डाल सकते हैं या डाल रहे हैं। यह चिंता दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को भी सताने लगी है।
अपने कैंपों में नहीं लौटे रोहिंग्या मुसलमान
मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च के दूसरे पखवाड़े में तब्लीगी मरकज में विभिन्न राज्यों से आए सैकड़ों रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल हुए थे। मरकज में शामिल जमातियों के साथ ये भी तब्लीगी मकरज से तो निकले, लेकिन वापस अपने कैंपों में नहीं गए। ऐसे में मकरज में शामिल इन रोहिंग्या मुसलमानों ने दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के और फैलने की आशंका बढ़ा दी है।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम लगातार इन गायब रोहिंग्या मुस्लिमों की तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है। पुलिस ने उन इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है, जहां पर ये छिपे हो सकते हैं। खासकर बाहरी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के साथ पूर्वी दिल्ली के इलाके में भी, हालांकि पुलिस छापों की पुष्टि नहीं कर रही है। वहीं यह तय है कि वापस कैंपों में नहीं लौटने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों ने दिल्ली पुलिस की नींद जरूर उड़ा दी है। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान भी तब्लीगी मकरज में शामिल जमातियों की हजारों भीड़ से दिल्ली पुलिस सबक लेना चाहती है और जल्द जल्द ऐसे रोहिंग्या मुस्लिम को पकड़कर चिंता से मुक्त भी होना चाहती है। तब्लीगी जमात का मामला सामने आने पर दिल्ली पुलिस भी कटघरे में हैं कि आखिर कैसे पुलिस थाने से 50 मीटर की दूरी पर हजारों जमाती जमा थे और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
बड़ा सवाल, आखिर क्यों वापस कैंपों में नहीं पहुंचे रोहिंग्या
दिल्ली पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियों को भी यह चिंता सता रही है कि आखिर रोहिंग्या मुस्लिम निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात में शामिल होने के बाद आखिर वापस कैंपों में क्यों नहीं पहुंचे? इसके पीछे खुफिया एजेंसियों को साजिश का शक है। दरअसल, तब्लीगी मकरज से निकाले जाने के दौरान जिस तरह सड़क पर थूकने जैसी हरकते जामतियों ने कीं थी, उससे रोहिंग्या मुस्लिमों पर भी शक गहराया गया है कि कहीं ये लोग भी किसी साजिश के तहत न गायब हुए हों।
यूपी के 8 जिलों में तलाशे जा रहे 369 रोहिंग्या शरणार्थी
दिल्ली ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की पुलिस ने भी तेजी से रोहिंग्या शरणार्थियों की तलाश तेज कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी के तकरीबन 8 जिलों में 369 रोहिंग्या शरणार्थियों के मौजूद होने की सूचना है। ऐसे में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इनकी तलाश तेज कर दी है।
रोहिंग्या शरणार्थियों और तब्लीगी जमात के बीच लिंक की जांच
खुफिया इनपुट मिलने और कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों की सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों और तबलीगी जमात के बीच लिंक की जांच के निर्देश दिए गए हैं। गौतमबुद्धनगर, मेरठ, कानपुर, मथुरा, सहारनपुर, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और अलीगढ़ जिले की पुलिस को डीजीपी मुख्यालय की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि वे रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाएं।