नई दिल्ली। सूर्य से हमारे सौरमंडल को उजाला और गर्मी मिलती है। जिसके कारण से धरती पर जीवन संभव हो पाया है। प्राचीनकाल से लेकर अबतक धरती के अलग-अलग हिस्सों में लोग सूरज की देवता के रूप में पूजा भी करते रहे हैं। अब वैज्ञानिकों को आशंका है कि आज से अरबों साल बाद सूरज का खात्मा हमारी धरती को सौरमंडल की सबसे खराब जगह में बदल देगा। इस दौरान सूरज का आकार इतना बढ़ जाएगा कि वह बुध, शुक्र और हमारी पृथ्वी तक को अपने अंदर समेट लेगा।
भारी तत्वों से ऊर्जा उत्पन्न करने के दौरान सूरज का हीलियम कोर सिकुड़ कर और गर्म हो जाएगा। इससे सूरज का आकार 100 गुना से भी अधिक बढ़ने की आशंका है। सूजा हुआ सूरज हमारे सौर मंडल के बुध, शुक्र और पृथ्वी को निगल जाएगा। तब अगर किसी दूसरे सोलर सिस्टम में कोई मौजूद रहा तो उसे हमारा सूरज लाल रंग के बड़े तारे के रूप में दिखाई देगा।
जीवन के अंतिम चरण में पहुंच जाएगा सूर्य
सूर्य कुछ लाख साल के लिए सिकुड़ तो जाएगा, लेकिन बाद में फिर से 100 मिलियन साल के लिए फुल जाएगा। जब इसके कोर का हीलियम खत्म होने के कगार पर पहुंचेगा तब सूरज की चमक और बढ़ जाएगी। उस दौरान बाहर की तरफ बह रही स्टेलर विंड सूरज के बाहरी आवरण को हटा देगी। यह सूरज को अपने जीवन चक्र के अंतिम चरण की ओर ले जाएगी।
सूरज की गर्मी से राख हो जाएंगे कई ग्रह
नासा के साइंस मिशन डॉयरेक्ट्रेट के खगोलशास्त्री एस एलन स्टर्न कहते हैं कि सूजा हुआ सूर्य हमारे सौरमंडल के कई ग्रहों को जलाकर राख कर देगा। पूरे सोलर सिस्टम में जहां-जहां भी पानी या बर्फ मौजूद होगा सब गायब हो जाएगा। सबसे दूर स्थित प्लूटो ग्रह जहां का तापमान हमेशा माइनस में रहता है वह भी किसी उष्णकटिबंधीय समुद्र तट के तापमान जितना गर्म हो जाएगा।