नए एमएसएमई एक्ट को कैबिनेट मंजूरी, 72 घंटे के अंदर ही उद्योग लगाने की स्वीकृति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति लाने के लिए कैबिनेट ने नए एमएसएमई एक्ट को मंजूरी दे दी है। इस एक्ट के मंजूर होने से अब उद्योग लगाने के लिए आवेदन करने के महज 72 घंटे के अंदर ही उद्योग लगाने की स्वीकृति दी जाएगी। इसके बाद उद्योग से संबंधित अन्य विभागीय अनुमति लेने के लिए उद्यमी को 900 दिन का समय मिलेगा। शुक्रवार से प्रस्तावित विधानमंडल सत्र से पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

कोरोना की महामारी और बाढ़ की विभीषिका के बीच योगी सरकार ने एमएसएमई एक्ट में बड़े बदलाव के निर्णय पर मुहर लगा दी। कैबिनेट की मीटिंग में इसमें बदलाव के लिए नए अधिनियम को भी मंजूरी दे दी गयी। इसका नाम उत्तर प्रदेश सूक्ष्म‚लघु एवं मध्यम उद्यम अधिनियम–2020 होगा। सरकार का दावा है कि नए अधिनियम से प्रदेश में एमएसएमई के उद्योग लगाना आसान होगा।

अब प्रदेश में आवेदन के 72 घंटे के बीच उद्योग लगाने की मंजूरी मिल जाएगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को उबारने की कोशिशों में जुटी योगी सरकार के इस निर्णय को प्रदेश में लघु उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने और प्रदेश की अर्थव्यस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की ओर बड़ा कदम बताया जा रहा है।

अभी तक 29 विभागों से 80 अनापत्ति लेना पड़ता था
अभी तक उद्यमियों को उद्योग लगाने से पहले लगभग 29 विभागों से 80 के करीब अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता था‚ लेकिन अब केवल एक एनओसी प्राप्त करनी होगी। यह एनओसी 1000 दिन तक वैध रहेगी। उद्योगपतियों को बाकी की एनओसी प्राप्त करने के लिए 100 दिन का समय मिलेगा।

इस दौरान उद्योग का संचालन भी होता रहेगा और निवेश मित्र पोर्टल के जरिए समयबद्ध तरीके से एनओसी भी दी जाती रहेगी। योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर में एक साल के अंदर 15 लाख लोगों को रोजगार देने का लाख रखा है।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई फैसले
कैबिनेट की बैठक में कई विधेयकों में संशोधन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन विधेयकों को अब यूपी विधानमंडल के सदनों में पेश किया जा सकेगा। इसके साथ ही 31 मार्च‚ 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष की कैग रिपोर्ट को भी विधानमंडल के सदन पटल पर रखने के पूर्व राज्यपाल की अनुज्ञा लेने के लिए कैबिनेट की मंजूरी ली गयी।

योगी सरकार ने एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन की मंजूरी दी थी‚ साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक‚ महिला एवं बाल सुरक्षा का नया पद सृजित करने को भी मंजूरी दी थी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन बिल 2020 मंजूर दी हैं।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के संचालन को लेकर 28 फरवरी‚ 2020 को जारी दिशा–निर्देशों में संशोधन के लिए सीएम को अधिकृत कर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 में संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दी गई।

इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकारी सम्पत्ति प्रबंधन एवं निस्तारण अधिनियम 2020 उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. के अनपरा डी ताप विद्युत गृह की इकाई सं. 7 (500-मेगावाट) की पुनरुद्धार कार्ययोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

कैबिनेट में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अधीनस्थ सेवा (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2020 के प्रख्यापन के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। कैबिनेट ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र देसही‚ देवरिया के चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य निष्प्रयोज्य भवनों के ध्वस्तीकरण और इसके बाद रिक्त भूमि को कृषि विभाग को देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है

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