कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। इस प्रकरण में पुलिस ने विकास दुबे के खास साथी अमर दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर किया था। वहीं, उसकी नवविवाहित पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बुधवार को कानपुर पुलिस को इस प्रकरण में झटका लगा है। किशोर न्याय बोर्ड ने अमर दुबे की पत्नी को नाबालिग घोषित कर दिया है। उसकी शूटआउट के तीन पहले ही शादी हुई थी।
अधिवक्ता ने दी थी ये दलील
अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने 12 अगस्त को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर खुशी के नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने खुशी के उम्र निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को मामला स्थानांतरित कर दिया था।
आज सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने बोर्ड को बताया कि खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से और कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की है और प्रमाणपत्रों के आधार पर उसका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था।
हाई स्कूल के प्रमाणपत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए। जिसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है।
रिहाई का प्रयास किया फिर बैकफुट पर आई थी पुलिस
पुलिस ने पांच जुलाई को हमीरपुर में अमर दुबे का एनकाउंटर किया था। इसके तीन दिन बाद आठ जुलाई को उसकी नवविवाहिता पत्नी खुशी को हिरासत में ले लिया गया था। तब उसकी शूटआउट में संलिप्तता व गिरफ्तारी पर सवाल उठे थे तो पुलिस ने एकबारगी उसकी रिहाई के लिए प्रयास शुरू किया था। लेकिन उसकी बातचीत का ऑडियो और शादी का वीडियो वायरल होने पर पुलिस बैकफुट पर आ गई थी। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।
क्या है कानपुर शूटआउट?
कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास की गिरफ्तारी हुई। 10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया था। विनय तिवारी व दरोगा केके शर्मा को मुखबिरी के आरोप में जेल भेजा जा चुका है।