मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक सेवारत कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद, सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को राज्य भर में एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के नेताओं ने मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में मंत्रालय के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास और पूरे महाराष्ट्र में धरना दिया।
भाजपा नेताओं ने मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद और अन्य शहरों में प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि मलिक के ‘माफिया कनेक्शन’ हैं और उन्हें या तो कैबिनेट से इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।
वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री सुभाष देसाई, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण, सुनील केदार, विजय वड्डेतिवार और पार्टी के अन्य नेता कई कार्यकर्ताओं के साथ बैठे।
भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर और उसके परिवार के माध्यम से मलिक पर ‘आतंकवादी अभियानों को वित्तपोषित’ करने का आरोप लगाते हुए भाजपा शहर, राज्य और क्षेत्रीय नेताओं ने रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शोर-शराबे वाले प्रदर्शनों का आयोजन किया।
महाराष्ट्र पुलिस ने सभी सरकारी और विपक्षी विरोध स्थलों पर कड़ी सुरक्षा बनाए रखी, क्योंकि एमवीए 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अपने सबसे बड़े राजनीतिक संकट से जूझ रही है।
बुधवार को ईडी मलिक को उलगभग 7.30 बजे ईडी कार्यालय ले गई और उन्हें समन सौंपा, और 8 घंटे के बाद उन्हें कथित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। मामला करीब दो दशक पहले एक दागी जमीन के सौदे से संबंधित है।
करीब तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद बुधवार की देर रात विशेष पीएमएलए कोर्ट ने मलिक को तीन मार्च तक आठ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।