कोलकाता। दादा सोमनाथ चटर्जी का आज सुबह देहान्त हो गया। चटर्जी की हालत रविवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद गंभीर थी। उन्हें किडनी संबंधी बीमारी भी थी और सात अगस्त को क्लीनिक में उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। दो दिनों से उन्हें वेटिंलेटर पर रखा गया था। पिछले महीने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को मस्तिष्काघात हुआ था। सोमवार को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। चटर्जी (89) लंबे समय से बीमार चल रहे थे। नर्सिग होम के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बेलेव्यू क्लीनिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप टंडन ने बताया उनका निधन सुबह 8.15 बजे हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके निधन पर शोक जताया और उन्हें अपने आप में एक ‘संस्थान’ बताते हुए उनकी तारीफ की, जिनका सभी सांसद सम्मान करते थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद :-
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, “लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और अनुभवी सांसद सोमनाथ चटर्जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।” उन्होंने कहा, “उनके निधन से बंगाल और भारत को क्षति पहुंची है। सोमनाथ के परिवार और असंख्य शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
प्रधानमंत्री ने सोमनाथ को भारतीय राजनीति की एक मजबूत शख्सियत बताया जिन्होंने संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध किया। मोदी ने ट्वीट कर कहा,”चटर्जी गरीबों और कमजोर लोगों के कल्याण की एक मजबूत आवाज थी। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदना उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी :-
राहुल गांधी ने 10 बार सांसद रह चुके चटर्जी के निधन पर ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं सोमनाथ चटर्जी के निधन पर शोक प्रकट करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह एक संस्थान थे। दलगत राजनीति से परे सभी सांसद उनका बहुत आदर व सम्मान करते थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन पर शोक जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर चटर्जी की सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा। योगी ने शोक संदेश में कहा सोमनाथ चटर्जी ने अपने योगदान से भारतीय संसद की गौरवशाली परंपराओं को समृद्घ किया। उन्होंने हमेशा समाज के गरीब, कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हितों को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए चटर्जी के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं जताई।
आपको बता दें कि इससे पहले 28 जून को तबीयत बिगडऩे पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर 10 अगस्त को उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टरों की टीम की कड़ी निगरानी में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बता दें कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी मशहूर वकील निर्मल चंद्र चटर्जी के बेटे हैं। निर्मल चंद्र अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक भी थे। सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में की और 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे। 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए और इसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुडक़र नहीं देखे। चटर्जी 10 बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए।
वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी जब बोलते थे, तो पूरा सदन एकाग्रचित होकर उन्हें सुनता था। अपने राजनीतिक करिअर में उन्होंने कामगार वर्ग तथा वंचित लोगों के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाकर उनके हितों के लिए आवाज बुलंद करने का कोई भी अवसर नहीं गंवाया। सोमनाथ चटर्जी का वाद-विवाद कौशल, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों की स्पष्ट समझ, भाषा के ऊपर पकड़ और जिस नम्रता के साथ वो सदन में अपना दृष्टिकोण रखते थे उसे सुनने के लिए पूरा सदन एकाग्रचित होकर सुनता था।
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में व्यापक मीडिया कवरेज प्रदान करने हेतु सोमनाथ चटर्जी के प्रयासों से ही 24 जुलाई 2006 से 24 घंटे का लोकसभा टेलीविजन शुरू किया गया। उनके लोकसभा अध्यक्ष पर रहते हुए उनकी पहल पर ही भारत की लोकतांत्रिक विरासत पर अत्याधुनिक संसदीय संग्रहालय की स्थापना की गई। 14 अगस्त 2006 को इस संग्रहालय का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति के कर कमलों से किया गया। यह संग्रहालय जनता के दर्शन करने के लिए खुला है।