न्यूज 7 एक्सप्रेस ब्यूरो
-उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ ने मुख्यमंत्री को भेजा मेमोरेण्डम
-नियमविरूद्व सरकारी जांच और प्रताड़ना के विरूद्व उठायी आवाज
– 08 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा
लखनऊ। सरकारी जांच एजेंसियां स्ववित्त पोषित बीटीसी/डीएलएड महाविद्यालयों को जांच के नाम पर उत्पीड़न कर रही हैं और इन महाविद्यालयों को बिना उचित कारण परेशान कर रही है जब कि इन्हे डीएम द्वारा जांच कराने के बाद ही मान्यता दी गयी थी। इसके बाद भी जांच के बाद फिर जांच कराना और बिना कोई कारण बताये महाविद्यालयों के प्रशासन को परेशान किया जा रहा है।
इन विचारों को उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ की मीटिंग इरम कालेज सी0 ब्लाक इन्दिरा नगर के आडिटोरियम में श्री गणेश प्रसाद वर्मा और श्री आर0जे0 सिंह ने प्रकट किया।
उन्होंने इंदिरानगर के सी ब्लाक में स्थित इरम गल्र्स डिग्री कालेज के सभागार में बुलाई गयी बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि संघ के सभी सदस्यों ने आमराय हो कर फैसला लिया है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा इन महाविद्यालयों को बेजा परेशान किये जाने की वजह से वह अनिश्चित कालीन पर जाने को मजबूर होना पड़ेगा। मीटिंग में लखनऊ के अल्पसंख्यक और अन्य महाविद्यालयों के डी0एल0एड कालेंजों के प्रशासनिक सदस्यों ने भाग लिया। मीटिंग मेें सरकार द्वारा बिना वजह जांच के नाम पर परेशान किये जाने की निन्दा की गयी और जांच एजेंसियों के निर्णयों के विरूद्व अहम कदम उठाते हुये सर्वसम्मति से अनिश्चित कालीन पर जाने का फैसला लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित मेमोरेण्डम में उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ के सदस्यों ने कहा है कि उप्र सरकार की तरफ से निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ द्वारा निजी डीएलएड संस्थानों की जांच कराने के आदेश प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उप्र सरकार के तत्सम्बंधी दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए सभी जिलाधिकारियों को प्रशासनिक अधिकारियों का पैनल बनाकर कराने हेतु आदेश किए गये है।
इस विषय पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ के सदस्यों ने प्रेषित किए गये मेमोरेण्डम में कहा है कि हम सभी निजी डीएलएड कालेजों के प्रबंधक आपसे निवेदन करते हैं कि प्रदेश, देश के समस्त डीएलएड संस्थानों को मान्यता एनसीटीई विधिवत परीक्षण के उपरांत ही देती है और केन्द्र सरकार/माननीय राष्ट्रपति महोदय द्वारा गठित यह सांविधिक निकाय यह निर्णय लेने के लिए कि किस संस्थान को मान्यता दी जाए तथा किसे न दी जाए, अकेले ही पर्याप्त है।
इस मेमोरेण्डम में आरोप लगाया गया है कि एनसीटीई मान्यता देने की प्रक्रिया में एक पत्र राज्य सरकार को भेजती है कि सरकार भी अपना प्रतिनिधि तत्संबंधी निरीक्षण के समय भेजे लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी संस्थान के एनसीटीई के निरीक्षण के समय शायद ही अपना कोई सक्षम अधिकारी भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ के सदस्यों का कहना है कि मानकों आदि के भौतिक सत्यापन व मान्यता प्रत्याहरण का अधिकार सिर्फ एनसीटीई को सेक्शन-13 के तहत प्राप्त है, राज्य सरकार को बार-बार ऐसे निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है। इसी तरह से मप्र सरकार द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के दुबारा निरीक्षण के आदेश दिए गये थे जिसे माननीय उच्च न्यायालय मप्र द्वारा 26 फरवरी 2016 को रोक लगा दी गयी थी। संघ का कहना है कि राज्य सरकार शिक्षण की गुणवत्ता व व्यवसायिक लाभ का अंदेशा होने पर परीक्षण करा सकती है और इसके लिए पहले से ही डायट प्रचार्य इस हेतु अधिकृत किए गये है और वह समय-समय पर ऐसे निरीक्षण करते हुए बेहतरी हेतु यथोचित निर्देश दे सकते है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित इस मेमोरेण्डम के अनुसार राज्य सरकार के अधीन एससीईआरटी लखनऊ जो डीएलएड संस्थानों की बाडी है, द्वारा प्रथक से सम्बद्वता हेतु निरीक्षण जो प्रशासनिक अधिकारियों-संबन्धित तहसील के एसडीएम/एडीएम, डायट प्राचार्य व बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम बनाकर कराया जाता है। तदुपरांत इसकी संस्तुति के उपरान्त ही संस्थानों को सम्बद्वता प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि यदि उक्त सभी अधिकारियों से सही तथ्य छिपाकर या इन्हे बहला फुसलाकर सम्बद्वता ले लग गयी थी तो नवनियुक्त टीम भी ऐसा नहीं करेगी इसकी क्या गारंटी है? संघ ने सीएम से निवेदन किया है कि अगर किसी जोन में तथ्य छिपाकर मान्यता या संबद्वता लेना सिद्व होता है तो सभी तत्सम्बंधी जांच अधिकारियों को दण्डित करने व सम्बद्वता वापस लेने की कार्रवाही एक साथ की जाए।
संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर मानकों का परीक्षण कराना अपरिहार्य है तो सर्वप्रथम उसे अपने जनपदीय डायट का परीक्षण करते हुए रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए अद्योमानक डाइट बंद करने चाहिए इसके बाद ही निजी डीएलएड संस्थान जिन्हे सरकार कुछ भी मदद नहीं करती है, के निरीक्षण के लिए आदेश दिए जाने चाहिए।
संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि कुछ कालेजों की शिकायत के आधार पर पूरे उत्तर प्रदेश के निजी डीएलएड कालेजों का निरीक्षण के नाम पर प्रबंधतंत्र का आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न करना कहां सहीं है? इससे प्रदेश में भ्रष्टाचार और अनैतिक लेनदेन को बढ़ावा मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ ने जांच अधिकारियों की कारगुजारी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के अतिरिक्त सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डायट प्राचार्यों से प्रथक से जांच करके आख्या उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर चुकी है इसके अलावा शासन द्वारा भी हर मंडल के कालेजों का निरीक्षण हेतु एक प्रथक उच्च अधिकारी की नियुक्ति की गयी है तो क्या प्रस्तावित जनपदीय प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में सरकार/सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भरोसा नहीं है? क्या निजी डीएलएड कालेजों की एक साथ अनगिनत जांचों के नाम पर प्रताड़ित करके बंद कराये जाने की योजना है?
मुख्यमंत्री को प्रेषित मेमोरेण्डम में उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ ने आरोप लगाया है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकार के कुछ अधिकारी सरकार को गुमराह करके इनती जांचें कराकर कालेजों के मान सम्मान को क्षति पहुंचाकर एक बड़े वर्ग को सरकार के विरूद्व लामबंद करने का कुचक्र इसलिए रच रहे हैं ताकि आगामी चुनाव में सत्ताधारी पार्टी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। मेमोरेण्डम के आखिर में उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ ने अनगिनत जांचों द्वारा कालेजों के प्रबंधतंत्र को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने वाली नियमविरूद्व जांचों के रूकने तक प्रादेशिक संगठन के आवाहन पर समस्त निजी डीएलएड संस्थानों द्वारा 08 सितम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की गयी है और इस दौरान कालेज में तालाबंदी करते हुए शिक्षण/प्रशिक्षण का कार्य स्थगित करने का एलान किया गया है।
उत्तर प्रदेश स्वतंत्र पोषित महाविद्यालय प्रबन्धक संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उप्र शासन, निदेशक एससीईआरटी लखनऊ, जिलाधिकारी लखनऊ और प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ को भी इस मेमोरेण्डम की प्रतिलिपि प्रेषित की है।