निवेशकों को मिलेगा कैश कराने का मौका, लेकिन चुकाना होगा भारीभरकम जुर्माना

नई दिल्ली। दुनियाभर में बिटक्वाइन, लाइटक्वाइन और इथीरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी का चलन हाल के वर्षों में बढ़ा है। दरअसल, डिजिटल करेंसी में इनवेस्टमेंट से लोगों को जबरदस्त मुनाफा हुआ है। वर्चुअल करेंसी के जोरदार रिटर्न को देखते हुए भारतीयों ने भी उनमें जमकर निवेश किया है। लेकिन अब सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए कानून बनाने जा रही है।

बैन से पहले मिलेगा क्रिप्टोकरेंसी बेचने का मौका

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने से पहले निवेशकों को उनसे निवेश निकालने के लिए तीन से छह महीने तक का समय दिया जा सकता है। लेकिन इनवेस्टर्स को अपनी वर्चुअल करेंसी बेचकर पैसे निकालने के लिए भारी पेनाल्टी चुकानी होगी। डिजिटल करेंसी बिल, 2021 में इसकी व्यवस्था की गई है, जिसको संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

फाइनल नहीं हुआ है डिजिटल करेंसी बिल

डिजिटल करेंसी बिल 2021 फाइनल नहीं हुआ है। इस बिल का मकसद RBI के जरिए डिजिटल करेंसी लाने का कानूनी रास्ता तैयार करना है। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की कवायद चल रही है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, रिसर्च वगैरह के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की इजाजत होगी।

निजी क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी और ट्रेडिंग एक्सचेंज को बैन करने की फैसला किया है। डिजिटल करेंसी बिल 2021 में निजी क्रिप्टोकरेंसी रखने, बेचने, माइनिंग करने, ट्रांसफर करने और उसके लेनदेन को दंडनीय अपराध बनाने का प्रस्ताव है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर भारी जुर्माने या कैद या दोनों का प्रावधान होगा।

विधेयक पर कम्युनिटी से मांगा जाए सुझाव

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के फाउंडर सुमित गुप्ता का कहना है कि कानून पास कराने से पहले सरकार को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रस्तावित विधेयक का मसौदा जारी नहीं किया गया है। उनका कहना है कि विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी के सुझावों को भी शामिल करना चाहिए।

2020 में हुए 2.4 करोड़ डॉलर के निवेश

एनालिस्ट फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के मुताबिक, पिछले साल देश में 2.4 करोड़ डॉलर के क्रिप्टोकरेंसी खरीदे गए थे। 2019 में जब इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त थी तब यहां वर्चुअल करेंसी में सिर्फ 50 लाख डॉलर का निवेश हुआ था। पिछले कुछ वर्षों में कई क्रिप्टो एक्सचेंज खुलने से भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग ने फॉर्मल सेक्टर का रूप ले लिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here