नेतागिरी का मतलब लूटना नहीं, किसी को फॉर्च्यूनर से कुचलना नहीं, भाषा पर संयम रखें

लखनऊ। लखीमपुर खीरी कांड के बाद UP भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह लगातार अपने नेताओं को आचरण का पाठ पढ़ा रहें हैं। मौका कोई भी, अध्यक्ष जी नसीहत जरूर दे रहें। कभी भाषा पर संयम की सलाह देते हैं, तो कभी परिवार को नेतागिरी से दूर रखने का सुझाव। रविवार को अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में भी स्वतंत्र देव सिंह ने नेताओं को नेतागिरी के पाठ पढ़ाए।

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प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में बैठक में कहा, न खाएंगे न खाने देंगे और न साएंगे न सोने देंगे। अगर जिस मोहल्ले में आप रहते हैं, वहां दस लोग आपकी तारीफ करते हैं। तो मेरा सीना चौड़ा हो जाएगा। यह नहीं होना चाहिए कि जिस मोहल्ले में रहते हैं, लोग आपकी शक्ल नहीं देख पाएं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की 3 नसीहतें

पहली नसीहत- भाषा पर संयम रखें, नेता आप है, परिवार के लोग नेतागिरी ना करें
मौका- भाजपा अवध क्षेत्र की सीएम आवास पर बैठक

दो दिन पहले 8 अक्टूबर ( शुक्रवार ) को सीएम आवास पर अवध क्षेत्र की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने सांसदों और विधायकों को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की नसीहत दी थी। कहा, आप नेता है, आपके परिवार के लोग नेतागिरी ना करें।

दूसरी नसीहत- टीम वर्क पर जोर दें
मौका – भाजपा ब्रज क्षेत्र की सीएम आवास पर बैठक

शनिवार को स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, पूरे देश की निगाह UP पर है। लोग प्रदेश को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं । हम राष्ट्र के लिए काम करने वाले लोग हैं। हमारी एकता ही हमारी मजबूती है। हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा। विपक्ष की साजिश को बेनकाब करने के लिए मिलकर टीक वर्क पर जोर देना होगा।

तीसरी नसीहत- फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं
मौका- अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक

रविवार को लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में कहा, नेतागिरी मतलब लूटने नहीं आएं हैं, फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं। वोट आपके व्यवहार से मिलेगा। जिस गली में आप रहते है वहां कोई आपसे डरे नहीं।

लखीमपुर कांड से भाजपा की हुई बदनामी

कहा जा रहा है कि लखीमपुर कांड के बाद BJP की बदनामी हुई है। लखीमपुर से भाजपा सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहें है। कहा जा रहा कै कि लखमीपुर कांड के पिछे उनका वो बयान है, जिसमें उन्होंने किसानों को धमकी देते हुए देख लेने की बात कही थी।

इसके बाद किसानों को कुचलने में उनकी थार जीप और फॉर्च्यूनर की तस्वीरें भी सामने आई है। संभव है कि इसी के बाद संगठन के सबसे बड़े पदाधिकारी की तरफ से नेताओं की इस तरह की नसीहतें दी जा रहीं हैं।

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