भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र की तैयारी शुरू हो गई हैं। 20 से 24 जुलाई तक चलने वाले सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी। वहीं अब तक कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाई है। भाजपा को भी विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तय करना है। लेकिन कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करने में ज्यादा समस्या है।
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के कई दावेदार हैं। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं। लेकिन, अंतिम फैसला हाईकमान द्वारा लिए जाने की बात कही जा रही है।
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस को अपना नेता प्रतिपक्ष तय करना है। कांग्रेस सरकार गिरने के बाद इस पद की दौड़ में कांग्रेस के कई विधायक थे। पूर्व राजस्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह राजपूत का नाम प्रमुखता से सामने आया था। ताजा राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मानसून सत्र के बाद सिंतबर में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं।
ऐसे में कांग्रेस विधानसभा सत्र के दौरान अपनी छाप छोड़ेगी और इसकी तैयारियां भी शुरू हो गईं है। विपक्ष के नेता के तौर पर कमलनाथ सबसे मुफीद साबित होंगे क्योंकि उपचुनाव उन्हीं के नेतृत्तव में लड़ा जाना है।
बता दें कि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष के लिए डॉक्टर गोविंद सिंह का नाम सामने आते ही कमलनाथ की कांग्रेस पार्टी में सभी प्रमुख पदों पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश शुरू हो गई है।
प्रदेश अध्यक्ष पद के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ही बने और अब जबकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम की बात आई है तो इस पद पर भी किसी और की दावेदारी को खत्म करने के लिए कमलनाथ ने अपना नाम आगे बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी का चेहरा कमलनाथ होंगे इसलिए नेता प्रतिपक्ष भी उन्हें ही होना चाहिए।