काठमांडू। भारत से वैक्सीन की सप्लाई बाधित होने के बाद नेपाल में टीके का भारी संकट हो गया है। हालांकि, अब चीन ने वहां टीके की सप्लाई शुरू की है। भारत निर्मित कोविशील्ड की पहली डोज लगे करीब पांच माह बीतने के बावजूद लाखों लोगों को दूसरी डोज नहीं लग पाई है। ऐसे में नेपाली नागरिक चीन से मिल रही वैक्सीन लगाने को तैयार हैं।
भारत सरकार ने नेपाल को कोविशील्ड वैक्सीन की दस लाख डोज निशुल्क भेजी थी। इसके बाद दस लाख डोज नेपाल ने भारत से खरीदी भी थी। इसके बावजूद नेपाल में बड़ी संख्या में लोगों को समय सीमा पूरी होने के बावजूद दूसरी डोज नहीं लग पाई है। अब चीन ने नेपाल को करीब दस लाख टीके भेजे हैं और नेपाल में फिर टीकाकरण सुचारू हुआ है। टीकाकरण के लिए अब कई ऐसे लोग आ रहे हैं जो पहली डोज भारत की और दूसरी डोज चीन की लेने को तैयार हैं।
नेपाल के कंचनपुर निवासी ललिता पनेरू, लक्ष्मण चौकियाल, सरोज अवस्थी, ललित चटौत, राजू शर्मा आदि को करीब साढ़े चार माह पूर्व टीके की पहली खुराक लग चुके हैं। उसके बाद से ये लोग दूसरी डोज का इंतजार कर हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें किसी भी हाल में दूसरी डोज लेनी है। वह अब ये नहीं देखेंगे कि जो डोज उन्हें लगाई जा रही है वैक्सीन किस मुल्क में निर्मित है।
नेपाली नागरिकों ने बताया कि शुरुआत में पहली के बाद दूसरी डोज के लिए 28 दिन का गैप रखा जा रहा था। टीके कम पड़ने पर दूसरी डोज का समय 56 दिन कर दिया गया था। उस वक्त उनके मोबाइल पर मैसेज भी आ रहे थे। समय सीमा खत्म होने के बाद अब उन्हें दूसरी डोज के लिए एसएमएस आने भी बंद हो गए हैं।
कंचनपुर के वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण पंत ने महेंद्रनगर में वैक्सीन कोल्ड चेन के सुपरवाइजर जनक बहादुर कुंवर के हवाले से बताया कि भारत से वैक्सीन न मिलने के कारण नेपाल में पहला टीका लगा चुके हजारों लोगों की पहली डोज को भी निरस्त मानने की तैयारी चल रही है।
नेपाल में कंचनपुर के बैंक अधिकारी जनकराज जोशी ने बताया कि मैनें भारत निर्मित कोविशील्ड की पहली डोज करीब साढ़े चार माह पूर्व ही लगा ली थी। उसके बाद से भारत में भी वैक्सीन की किल्लत चल रही है। अब कोविशील्ड की दूसरी डोज जल्द आने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। लिहाजा मै मजबूरी में चीन निर्मित वैक्सीन से दूसरी डोज लेने को तैयार हूं।