नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में लगातार दूसरे दिन भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों ने 11 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। राहुल गांधी मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे पर ईडी के सामने पेश हुए। पहले दौर में करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद वे बाहर निकले। दूसरे दौर की पूछताछ के लिए राहुल फिर एक बार शाम करीब साढ़े 4 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। देर रात 11:43 बजे वह ईडी दफ्तर से बाहर निकले। ईडी ने बुधवार को फिर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है।
एक बार फिर कांग्रेस नेताओं ने राहुल से हो रही पूछताछ को राजनीतिक साजिश बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस महासचिव व बहन प्रियंका गांधी सोमवार की तरह ही राहुल गांधी को ईडी दफ्तर तक छोड़ने गई। जबकि कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं को विरोध जताते वक्त हिरासत में ले लिया गया। राहुल गांधी ने सोमवार को करीब 10 घंटों तक ईडी के सवालों के जवाब दिए थे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने ईडी के कई सवालों का जवाब दिया। कुछ सवालों पर वे चुप रहे।
कांग्रेस के नेताओं को रोका
कांग्रेस नेता व छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक और मनीष चतरथ पार्टी नेताओं से मिलने के लिए बदरपुर पुलिस स्टेशन जाते समय अपोलो अस्पताल के बाहर रोक दिए गए। केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी,विकास उपाध्याय,विनीत पुनिया और अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस हिरासत में लिया गया था। उन्हें बदरपुर पुलिस थाने में रखा।
हिरासत में लिए गए नेताओं से मिलने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुकुल वासनिक जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। इस पर नाराज बघेल ने कहा कि एक मुख्यमंत्री को कैसे रोक सकते हैं। उन्होंने ट्वीट किया करके कहा, मुझे और मुकुल वासनिक को दिल्ली में अपोलो अस्पताल के सामने रोक लिया गया है।
हम बदरपुर थाने में बंद हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने जा रहे हैं। यह सरकार डरपोक है। हमारे कार्यकर्ता ‘बब्बर शेर’ हैं, सच के लिए लड़ रहे हैं। ये लड़ाई लड़ी जाएगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को जमकर कोसा।
दूसरे दिन ये सवाल किए
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से ईडी ने पूछा कि आखिर एजेएल को अदा की गई 50 लाख रुपये की रकम कहां से आई? यही नहीं एजेंसी ने पूछा कि क्या उन्हें इस रकम के एवज में उन्हें नेशनल हेराल्ड की संपत्ति मिल जाएगी? उनसे एजेंसी ने यह भी पूछा कि यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी किस लिए बनाई। हालांकि वह तमाम सवालों पर चुप्पी ही साधे रहे।