– दो दिन पहले नवजात बच्चे की भी हो चुकी है मौत
नोएडा। पूरा देश कोरोना (कोविड 19) के कारण परेशान है। लोगों की नौकरी छूट रही है तो कई की सेलरी समय पर नहीं आ रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां इलाज न मिलने के कारण आठ माह की एक गर्भवती महिला की मृत्यु हो गई। इससे पहले एक नवजात बच्चे की भी मृत्यु हो चुकी है। जिला अधिकारी सुहास एलवाई ने दोनों मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
मृतका के पति बिजेंद्र ने बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है और वह खोड़ा में रहता है। उसकी पत्नी नीलम (30 वर्ष) आठ माह की गर्भवती थी। बीते शुक्रवार की शाम अचानक उसे लेबर पेन शुरू हो गया। इसके बाद वह अपनी पत्नी को एम्बुलेंस में लेकर 13 घंटे तक इस अस्पताल से उस अस्पताल में घूमता रहा लेकिन किसी अस्पताल ने नीलम को भर्ती नहीं किया, जिस कारण शनिवार को उसकी व गर्भ में पल रहे बच्चे की मृत्यु हो गई।
सरकारी न प्राइवेट अस्पतालों ने किया भर्ती, इलाज नहीं मिलने से हुई मौत
मृतका के पति बिजेंद्र ने बताया कि जब लेबर पेन शुरू हुआ तो सेक्टर 24 थाना अंतर्गत ईएसआईसी अस्पताल लेकर गए। जहां पर नीलम को कुछ समय के लिए ऑक्सीजन लगाया गया और फिर उसे सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन जिला अस्पताल में भी भर्ती नहीं किया।
जिला अस्पताल में उन्हें कहा गया कि आ खोड़ा से आए हैं जो कि कंटेनमेंट जोन है। इसलिए उन्हें वापस जाकर वहीं इलाज कराना चाहिए। उन्होंने नीलम को देखा तक नहीं। नीलम को लेकर सेक्टर 51 स्थित शिवालिक अस्पताल गया जहां कहा गया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे किसी बेहतर अस्पताल ले जाना चाहिए। शनिवार को 11 बजे करीब नीलम को लेकर फोर्टिस गया लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया।
बिजेंद्र ने के अनुसार फोर्टिस अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि उनके पास बेड और वेंटिलेटर खाली नहीं है। इसे कहीं दूसरी जगह ले जाइए। उसके बाद सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल पहुंचे, यहां भी नीलम को भर्ती नहीं किया। नीलम को कोविड-19 लक्षण थे और उसे शारदा अस्पताल या ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स ले जाने को कहा। नीलम को यहां भी भर्ती नहीं किया गया, जिसके बाद शनिवार को नीलम की मृत्यु हो गई।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
मामला जब मीडिया में उछला तो डीएम सुहास एलवाई ने शनिवार को टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। जिले में इस से पहले भी एक बच्चे की मृत्यु अस्पताल के गेट पर हो गई थी। जिला अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी के बाद अपर जिलाधिकारी मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्साधिकारी दीपक ओहरी को जांच के आदेश दिए गए हैं।
विपक्ष ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए
नीलम की मृत्यु का ममला जैसे ही उछला विपक्ष ने योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया। प्रदेश के मुख्य मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट किया। ट्वीट में अखिलेश ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मृत्यु अति दुखद है। सरकार यह बताए कि अगर वो कोरोना के लिए एक लाख बेड के इंतज़ाम का दावा करती है तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे, भाजपा सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं।