नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने नोटिस भेजा है। वहीं, नोटिस को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि पहले ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की जांच होनी चाहिए, पता लगना चाहिए कि इसे किसके कहने पर रिकॉर्ड किया गया और किसने किया। शेखावत ने कहा कि एसओजी ने मेरे निजी सचिव के माध्यम से एक नोटिस भेजा है। नोटिस में उन्होंने मुझे अपना बयान और आवाज का नमूना रिकॉर्ड करने को कहा है। लेकिन, मैं चाहता हूं कि इस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बात सामने आनी चाहिए कि किसके कहने पर इस ऑडियो को रिकॉर्ड किया गया और किसने इसे रिकॉर्ड किया। पहले उन्हें (राज्य सरकार) प्रामाणिकता के साथ सामने आना चाहिए। मैंने पहले ही कहा है कि मेरे दरवाजे किसी भी तरह की जांच के लिए हमेशा खुले हैं। वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि शेखावत को यह नोटिस राज्य सरकार को अस्थिर करने के आरोप में बयान को दर्ज करने के लिए दिया गया है।
एसओसी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौर ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के माध्यम से यह नोटिस सौंपा गया है। कांग्रेस द्वारा ऑडियो क्लिप को लेकर दर्ज करवाए गए मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में भंवरलाल शर्मा को कांग्रेस विधायक के रूप में पहचाना गया है और केवल गजेंद्र सिंह और जैन के नामों का उल्लेख किया गया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस के एक बागी विधायक का नाम भी गजेंद्र सिंह है। राठौर ने बताया कि उन पर देशद्रोह और 120 बी आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को कहा कि राजस्थान कांग्रेस द्वारा पिछले सप्ताह जारी किए गए ऑडियो क्लिप को सीएम गहलोत ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने बेटे की हार बदला लेने के लिए तैयार किया। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में जोधपुर सीट पर शेखावत ने सीएम गहलोत के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी वैभव को करीब 2.7 लाख वोट से हराया था।
पिछले सप्ताह कांग्रेस ने तीन ऑडियो क्लिप जारी किए, जिसमें राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए बातचीत की जा रही है। शेखावत पर आरोप लगाया गया था कि वे उन तीन लोगों में से एक थे, जिनकी आवाज ऑडियो क्लिप में सुनाई दे रही थी।
वहीं, माना गया कि इस क्लिप में अन्य दो लोग कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा और भाजपा विधायक संजय जैन थे। इसके बाद, इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिकॉर्डिंग के स्रोत संदिग्ध है। राजस्थान में विधायकों द्वारा संभावित विद्रोह को विफल करने और जयपुर के फेयरमोंट होटल में ठहरे हुए कांग्रेसी विधायकों के मन में केवल डर पैदा करने के लिए मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा इस बात की कोई जांच नहीं की गई है कि यह ऑडियो सोशल मीडिया पर कैसे और कहां से आया या किसने रिकॉर्ड किया। क्लिप की सत्यता, प्रामाणिकता या यहां तक कि इसके स्रोत की पुष्टि करने के बजाय, सीएम गहलोत ने मेरे बयान और आवाज को रिकॉर्ड करने और 2019 में मेरे खिलाफ मिली अपने बेटे की हार का बदला लेने के लिए पुलिस को भेजा।
शेखावत ने कहा कि वह अपने विधायकों को संदेश देना चाहते हैं कि अगर वह केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा कर सकते हैं, तो उनके साथ भी ऐसा ही किया जा सकता है। दो बार के सांसद शेखावत ने खुलासा किया कि सीएम गहलोत ने दो दिन पहले 2 बजे रात को राजस्थान पुलिस को दिल्ली स्थित उनके घर पर भेजा था, लेकिन वे पूछताछ करने के बाद गेट से ही चले गए। शेखावत ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह पर उनका रुख 2018 के राज्य चुनावों और इससे पहले भी यही रहा है।