लखनऊ : साइबर अपराधी प्रतिदिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। तमाम हथकंडे अपनाकर वह लोगों को अपनी बातों में फंसा रहे और बड़े ही शातिराना तरीके से उनका बैंक खाता खाली कर देते हैं। व्हाट्सएप पर अनजान नंबरों से शेयर किए गए लिंक साइबर ठग हो सकते हैं। साइबर ठग इन दिनों गिफ्ट देने के नाम पर और लाॅटरी में इनाम जीतने का लालच देने जैसे लिंक भेज रहे हैं। इन लिंक को जैसे ही खोला जाता है उपयोगकर्ता का फोन हैक हो जाता है। ये ठग बेहद शातिराना तरीके से उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबरों से जुड़े बैंक खातों को खाली कर देते हैं।
केस नम्बर एकः साइबर आराधियों ने लखनऊ के दिव्यांश सिंह से 16 लाख की ठगी की। बदमाशों ने गुम हुए सिम की ई-एफआईआर दर्ज कर पीड़ित के मोबाइल नंबर का नया सिम कार्ड हासिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने बैंक खातों से राशि निकाल ली। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया है। अलीगंज के चांद गार्डन के दिव्यांश सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने 3 जून को अपने बैंक खाते की शेष राशि की जांच की और पाया कि किसी ने पैसे निकाल लिए हैं।
केस नम्बर दोः लखनऊ की संगीता के मोबाइल पर कश्मीर फाइल्स देखने का लिंक शेयर किया गया। जिसको लेकर संगीता काफी उत्सुक थी। उसने फौरन ही उस लिंक को खोला तो उसे फिल्म देखने को तो नहीं मिली लेकिन उसके बैंक एकाउंट से पैसा निकलने का मैसेज आया। जिसको देखकर वह समझ गई कि उसके साथ फ्राॅड किया जा चुका है। गनीमत सिर्फ इतनी थी कि उस बैेंक एकांउट में ज्यादा पैसा नहीं था।
केस नम्बर तीनः पीजीआइ वृंदावन कालोनी सेक्टर 11 में रहने वाले अरविंद कुमार सिंह सिविल इंजीनियर हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया में उनका खाता है। उन्होंने बताया कि बीते 23 दिसंबर को उनके मोबाइल पर लिंक आया। जिसमें लिखा था कि आपका खाता ब्लाक कर दिया जाएगा नहीं तो जल्द से जल्द केवाईसी अपडेट करा लें। लिंक खोलते ही खाते से 4.61 लाख रुपये निकल गए।
साइबर अपराधियों के लिए लोकप्रिय बना पसंदीदा व्हाट्सएप –
आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति समाचार, सूचना आदि साझा करने के लिए इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफार्म का उपयोग सक्रिय रूप से करता है। इन इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स में से व्हाट्सएप एक बहुत ही लोकप्रिय प्लेटफार्म है। व्हाट्सएप पर आप किसी भी प्रकार का लिंक, कोई फाइल, वाॅयस नोट कुछ भी शेयर कर सकते हैं।
साइबर अपराधियों द्वारा अब व्हाट्सएप से पीड़ितों के मोबाइल में लिंक भेजा जा रहा है जिसका प्रयोग वायरस व मैलवेयर डाउनलोड करते ही धोखाधड़ी के आषय से उनकी निजी जानकारियां और संवेदनशील जानकारी चुराने की प्रक्रिया की जाती है।
लालच के साथ ही दिखाया जा रहा डर –
गिफ्ट, नौकरी, पुराने सामानों के अच्छे दाम में खरीददारी, लाटरी आदि का लालच तो साइबर अपराधी देते ही हैं, बिजली की लाइन कटने, आईटी की रेड, पुलिस में एफआईआर जैसे डर दिखाकर भी रुपये ऐंठते हैं।
चलाया जा रहा जागरूकता अभियान –
लोगों को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से समय समय पर पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई तथा आम जनता में जागरूकता लाए जाने हेतु कार्यषाला व प्रषिक्षण हेतु निर्देषित किया जाता है। साइबर सेल समेत सभी थाने की पुलिस जागरूकता अभियान चलाती रहती है। लोगों के मोबाइल पर ऐसे अपराध से सजग रखने को कहा जाता है। किसी प्रकार के लालच में न पड़ने की बात कही जाती है, बावजूद इसके लोग जालसाजों के शिकार हो जाते हैं।
लुभावने गिफ्ट एवं लाटरी सम्बन्धी अपराध का तरीका –
- आपको व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसिद्ध वेबसाइट जैसे-फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि के द्वारा खास त्यौहारी उपलक्ष्य पर अपने ग्राहकों व आम जनमानस को उपहार दिये जाने का लिंक प्राप्त होता है।
- आप उस लिंक को क्लिक करते हैं तो वह आपके ब्राउज़र पर खुलता है, ब्राउजर पर एक वेलकम संदेश मिलता है जिसमें बताया जाता है कि आप अमेजन या अन्य के खास उपभोक्ता या उपयोगकर्ता हैं, आज इस खास मौके पर आप आईफोन या अन्य कोई महंगा गिफ्ट जीत सकते हैं, आपके पास तीन चांस है।
- उसके बाद “नेक्स्ट” पर क्लिक करते ही आपको स्क्रीन पर कई बॉक्स दिखते हैं। इनमें क्लिक करने पर आपको गिफ्ट मिलेगा या नहीं इसका पता लगता है। इनकी ऐसी प्रोग्रामिंग की जाती है कि आपको दो बार क्लिक करने पर कुछ नहीं मिलेगा, लेकिन तीसरी बार क्लिक करने पर आपको आईफोन आदि जीतने की बधाई मिलती है। साथ ही यह गिफ्ट क्लेम आप तभी कर पाएंगे जब आप इस लिंक को अपने जानने वालों को व्हाट्सएप या अन्य किसी माध्यम से शेयर करते हैं।
- इस तरह के लिंक के माध्यम से सिर्फ आपका अत्यंत संवेदनशील डेटा चोरी किया जाता है, जिसे स्कैमर्स इकट्ठा कर डार्क वेब पर बेचते हैं, जो आपके विरुद्ध ठगी करने में भविष्य में प्रयोग किया जा सकता है। इस तरह के लिंक लोग बिना सही जानकारी किये आगे फॉरवर्ड करते जाते हैं, जिससे और लोग भी इस जाल में फंसते रहते हैं।
फेक लॉटरी फ्रॉड –
साइबर ठगों द्वारा फाट्सएप के माध्यम से एक संदेश प्रसारित किया जाता है कि आपकी 25 लाख की लाटरी लगी है, आपको इस लाटरी का पैसा लेने के लिए कुछ प्रतिशत टैक्स देना होगा अब रकम इतनी बड़ी होती है कि कई लोग इनके जाल में फंस जाते है और ठगी का शिकार हो जाते हैं। इस तरह के फ्रॉड में अधिकतर +92 से शुरू होने वाले नंबर होते हैं। इसके साथ ही +1, +44 आदि से शुरू होने वाले नंबर से भी दी की जाती है।
ऐसे साइबर अपराध से कैसे बचें –
- सर्वप्रथम व्हाट्सएप ही नहीं किसी भी माध्यम से प्राप्त अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
- यदि आपने किसी प्रसिद्ध कंपनी का गिफ्ट कि ओपन कर लिया है तो यह अवश्य जाये कि यह लिंक आपको उस कम्पनी की अधिकृत वेबसाइट पर ले गया है या फिर किसी मिलते जुलते नाम की वेबसाइट ओपन हुई है।
- यदि आपको यह दिखता है कि यह लिंक अधिकृत वेबसाइट का नहीं है तो उस लिंक को अपने किसी भी ग्रुप या कॉन्टेक्ट को कदापि फारवर्ड न करें।
- +91 के अलावा अन्य नम्बर से शुरू होने वाले जैसे +92, +1, +44 आदि अज्ञात नम्बर से प्राप्त हुये किसी भी लॉटरी वाले संदेश में दिये गये नम्बर पर कॉल नहीं करना है, या उनके द्वारा बतायी गयी प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करना है, अन्यथा आपका व्हाट्एएप अकाउंट हैक हो सकता है साथ ही आप ठगी का शिकार भी हो सकते हैं।
- किसी भी प्रसिद्ध कम्पनी के गिफ्ट देने वाले लिंक की सत्यता उस कम्पनी की अधिकृत वेबसाइट के माध्यम से किया जाना चाहिए उस कंपनी की अधिकृत वेबसाइट पर ऐसा कोई अनाउंसमेंट है या नहीं इसकी जानकारी अवश्य करनी चाहिये।