नई दिल्ली। पंजाब के लिए गठित पार्टी पैनल राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए तैयार है। इस बीच सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि यह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने की सिफारिश न करे। हालांकि पैनल के सदस्य संगठन में बदलाव के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगर सुनील जाखड़ को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बदलना है तो राज्य इकाई का नेतृत्व करने के लिए पैनल द्वारा एक गैर-सिख सदस्य की सिफारिश की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू का भाग्य अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अमरिंदर के विरोध के बावजूद पंजाब कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद के लिए उनकी सिफारिश की जा सकती है।
पिछले हफ्ते राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जे. पी. अग्रवाल की अध्यक्षता वाले पैनल ने पार्टी के सभी पक्षों से मुलाकात की। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तीन सदस्यीय कांग्रेस पैनल से मिले।
बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ” बैठक अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए थी। ये हमारी पार्टी के भीतर की चर्चा है और मैं इन्हें आपके साथ साझा नहीं कर सकता।’ पंजाब कांग्रेस में दरार राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ परगट सिंह की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद सामने आई थी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को पंजाब के नेताओं की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब सिद्धू के नेतृत्व वाले एक समूह ने राज्य नेतृत्व में बदलाव का सुझाव दिया। हालांकि सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह को बदलने (रिप्लेस) पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सिद्धू को शांत करना चाहती है और बिना किसी बड़े बदलाव के, कुछ मामूली समायोजन करके उन्हें पार्टी में बनाए रखना चाहती है।
पैनल पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर चुका है, इसके अलावा पंजाब के पार्टी सांसदों और पूर्व राज्य इकाई प्रमुखों से भी मुलाकात कर चुका है। 2015 की बेअदबी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर अमरिंदर सिंह पर निशाना साधने वाले असंतुष्ट कांग्रेस नेता सिद्धू ने भी कांग्रेस पैनल से मुलाकात की और अपने विचार रखे।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था, मैं यहां पार्टी आलाकमान के आह्वान पर आया हूं और मैंने जमीनी स्तर से लोगों की आवाज पार्टी के सामने रखी है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि हर पंजाबी को पंजाब की प्रगति में एक हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए।