पंजाब में फिर किसान आंदोलन की तैयारी: 20 दिसंबर से राज्यव्यापी रेल नाकेबंदी

चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी से दिल्ली की सीमाओं पर समाप्त हुआ किसान आंदोलन अब एक बार फिर पंजाब में शुरू होगा। टोल दरों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) और किसान मजदूर संघर्ष समिति ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उगराहां की ओर से घोषणा की गई है कि 20 दिसंबर से किसान पूरे पंजाब में राज्यव्यापी रेल नाकेबंदी करेंगे। जब तक टोल रेट वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक सूबे के नौ टोल प्लाजा पर किसानों का धरना जारी रहेगा।

कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद किसानों ने भले ही अपना आंदोलन वापस ले लिया हो लेकिन पंजाब को अब भी किसानों के अन्य मुद्दों पर आंदोलन का सामना करना पड़ सकता है। पंजाब में राज्य भर से 140 से अधिक स्थाई मोर्चों को तो किसानों ने हटा दिया है लेकिन टोल दरों में बढ़ोतरी को लेकर टोल प्लाजा पर अभी भी किसानों की हड़ताल जारी है।

किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने सरकार को चेतावनी दी है कि टोल प्लाजा दरों में वृद्धि वापस लेने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। उधर, तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली से लौटे किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेताओं ने 20 दिसंबर से राज्यव्यापी रेल नाकेबंदी की घोषणा की है।

उगराहां के महासचिव सुखेदव सिंह कोकरी कलां ने कहा जब तक बढ़े टोल रेट वापस नहीं लिए जाते, तब तक वे नौ टोल प्लाजा पर बने रहेंगे। हरियाणा में दरों में बढ़ोतरी की गई लेकिन राज्य सरकार ने घोषणा की है कि टोल प्लाजा पुरानी दरों के साथ जारी रहेंगे। हम भी पंजाब सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। बीकेयू डकौंदा अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्ज गिल ने कहा कि मालवा के 10 टोल प्लाजा और दोआबा व माझा टोल प्लाजा के 10 धरनों पर हमारी यूनियन का डटी रहेगी।

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