नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ 169 दिनों से रेल पटरियों पर धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के इस धरने के कारण काफी समय से यात्री ट्रेनों और मालगाड़ी की आवाजाही पर असर पड़ रहा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेल पटरियों पर किसानों के प्रदर्शन के कारण अमृतसर से ब्यास के बीच चलने वाली 60 फीसदी ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित थी। धरना खत्म करने के बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने बयान जारी कर कहा कि रेलगाडिय़ों का परिचालन स्थगित होने से उन्हें और व्यापारियों को नुकसान हो रहा था।
संगठन ने कहा कि गेहूं की फसल की कटाई का सीजन आने और दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन को और अधिक मजबूत करने के लिए हम अपना धरना अभी खत्म कर रहे हैं।
वहीं संगठन के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम अभी स्थिति पर नजर रखेंगे। अगर सरकार हमारी मांगों पर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाती, तो हम धरने पर लौट भी सकते हैं।
वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति के एक और नेता सविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद अमृतसर-दिल्ली मार्ग पर देवीदासपुरा में रेल जाम खत्म करने का निर्णय किया है। जंडियाला स्टेशन के पास देवीदासपुरा, अमृतसर रेलवे स्टेशन से करीब 25 किलोमीटर दूर है।
सविंदर सिंह ने कहा, ”किसान केवल यात्री गाडिय़ों को रोक रहे थे, लेकिन केंद्र ने मालगाडिय़ों को भी रोकने का फैसला किया जिससे किसानों, व्यवसायियों और उद्योगपतियों को काफी नुकसान हुआ। वर्तमान परिस्थितियों में किसानों ने सर्वसम्मति से यहां आंदोलन समाप्त करने का फैसला किया।