चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की ईमानदार सरकार में भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसरों ने करप्शन करने की पटकथा तैयार कर ली है। दरअसल, पंजाब के 49 शहरों के मास्टर प्लान बनाने का टेंडर 20 करोड़ रुपए ज्यादा में देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए टेंडर में आई कंसल्टेंट फर्मों के चयन में अंकों का खेल करके चहेती फर्मों को फायदा दिया गया है। हालत यह है कि भारत सरकार के उपक्रम बेवकॉप्स जैसी संस्थाओं को भी कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली है।
दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार के समय साल 2021 में पंजाब के 51 शहरों के मास्टर प्लान बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। लेकिन, जैसे ही पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ और आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो शिकायतों के आधार पर अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण उन टेंडरों को निरस्त कर दिया गया था। तब यह माना गया था कि इस टेंडर में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
इसके करीब 2 साल बाद यानि जून, 2023 में फिर से 49 शहरों के मास्टर प्लान बनवाने के लिए 7 अलग-अलग जोन बनाकर टेंडर आमंत्रित किए गए। इस टेंडर की प्रक्रिया जुलाई, 2023 में ही पूरी कर ली गई थी। लेकिन, पंजाब के अफसर कई माह तक कंसल्टेंट फर्मों के आने का इंतजार करते रहे। ताकि पता चल सके कि कौन सी फर्म अधिकतम सुविधा शुल्क दे सकती है।
आखिर, 5 माह बाद जनवरी, 2024 में इसका तकनीकी योग्यता परिणाम घोषित कर दिया गया। इस तकनीकी योग्यता में आश्चर्यजनक रूप से 11 फर्मों को इस प्रकार से योग्य घोषित किया कि आईडेक, डीडीएफ, मार्स प्लानिंग को 100 में से 94 से 96 तक अंक दिए गए। बाकी फर्मों को 74 से 84 अंक दिए गए। इस तरह 10 नंबर के अंतर का वित्तीय प्रभाव इतना ज्यादा होगा कि अगर ज्यादा अंक लेने वाली फर्मों ने टेंडर में यदि दर 20 करोड़ रुपए ज्यादा डाली है तो भी टेंडर उन्हें ही मिलना तय है।
बाकी फर्मों ने मांगी तकनीकी योग्यता की डिटेलः
मास्टर प्लान के टेंडर में घोटाले की आशंका को देखते हुए अब बाकी फर्मों ने तकनीकी योग्यता के अंकों वाली डिटेल मांगनी शुरू कर दी है। क्योंकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसरों ने जानबूझकर यह डिटेल ओपन नहीं की है। इतने सरल दस्तावेज पोर्टल पर भी अपलोड नहीं किए हैं। इसलिए इस टेंडर में पारदर्शिता का अभाव नजर आ रहा है। क्योंकि एक फर्म को तीनों ही क्लस्टर में 95 अंक दे डाले हैं। तीन क्लस्टर में समान अंक मिलना संदेहजनक होने के साथ ही अफसरों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
अफसरों ने टाली वित्तीय निविदा खोलने की तारीखः
इधर, मास्टर प्लान के टेंडर में गड़बड़ियों का लेकर शोर-शराबे को देखते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अफसरों ने वित्तीय निविदा खोले जाने की तारीख आगामी आदेश तक टाल दी है। पहले यह निविदा 3 जनवरी, 2024 को खोली जानी थी। कुछ फर्मों ने इसकी शिकायत विजिलेंस और सीबीआई को भी भेजी है।
इसमें कहा गया है कि पंजाब जहां एक ओर भारी वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है, वहीं मास्टर प्लान टेंडर के लिए 20 करोड़ रुपए तक की ज्यादा राशि देना वित्तीय प्रावधानों का उल्लंघन है। भगवंत मान सरकार को जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा इस तरह बर्बाद करने से बचाना चाहिए।