नई दिल्ली। लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी समेत 118 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के मोदी सरकार के फैसले के बाद दिल्ली के युवाओं के साथ ही उनके परिजनों ने भी प्रसन्नता जाहिर की है। युवाओं ने सरकार के फैसले को जहां देश की सुरक्षा के लिए महत्पूर्ण कदम बताया है वहीं उनके परिजनों का कहना है कि ऑनलाइन गेम पबजी खेलने से आए दिन मौत की खबरें सुनाई दे रही थीं, लेकिन इस पर प्रतिबंध लगने के बाद हम चिंतामुक्त हो गए हैं कि कम से कम हमारे बच्चों के साथ अब ऐसा नहीं होगा।
दक्षिणी दिल्ली के निवासी 22 वर्षीय अनुज चौहान ने हिन्दुस्थान समाचार के साथ बातचीत में कहा, “बच्चे इसे छोड़ना चाहते थे पर लत की वजह से इसे छोड़ नहीं पाते थे। यह हम युवाओं को मानसिक रूप से बीमार बना रहा था। पबजी वॉर गेम है एक टोली, दूसरी टोली पर हमला करती है। इस गेम में डेटा काफी खर्च होता है। बच्चे अपना समय और पैसा दोनों गंवाते थे। आपके डेटा को भी एक्सेस किया जा सकता है। इससे देश की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता था। ऐप को करोड़ों भारतीय युवा डाउनलोड कर रहे थे। सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा किया है।”
बदरपुर के रहने वाले आरपी चौधरी का कहना है, “मेरा बेटा पबजी बहुत खेलता था। हमें बहुत चिंता सता रही थी कि ये पबजी खेलना कैसे छोड़ेगा, लेकिन बुधवार शाम को हमने टीवी पर न्यूज सुना कि मोदी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है तो हमें बहुत खुशी हुई। पबजी खेलने से आए दिन मौत की खबरें सुनाई दे रही थीं, लेकिन इस पर प्रतिबंध लगने के बाद हम चिंतामुक्त हो गए हैं कि कम से कम हमारे बच्चों के साथ अब ऐसा नहीं होगा।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र आदित्य चौधरी ने हिन्दुस्थान समाचार के साथ बाचतीत में कहा, “पबजी युवाओं में खासकर किशोरों में बहुत प्रचलित था। इसे ऑनलाइन खेला जाता है। पबजी गेम में आभासी युद्धक्षेत्र में सामने वाले को हराना होता है। इसमें पास, सील्ड, हेलमेट और घातक हथियार चुनने के लिए आपको ऑनलाइन पेमेंट भी करनी होती है। जल्दी ही युवा इसके आदी हो जाते हैं। वे अपना पैसा और समय दोनों गंवाते हैं। कभी-कभी तो इसके कारण युवा आत्महत्या तक कर लेते हैं।”
उल्लेखनीय है कि इन 118 चीनी ऐप को केंद्र सरकार ने देश की रक्षा, सुरक्षा, शांति एवं व्यवस्था के लिए खतरा बताया था। चीन के मोबाइल ऐप पर भारत की यह तीसरी डिजिटल स्ट्राइक है। इससे पहले इससे पहले सरकार ने जून में चीन से जुड़े टिकटॉक और यूसी ब्राउजर सहित 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद जुलाई में 47 अन्य ऐप को भी प्रतिबंधित किया गया था। केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई तब गलवान घाटी में झड़प के बाद की थी। इस बार भी सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ा है। इस तरह कुल 224 चीनी ऐप प्रतिबंधित किये जा चुके हैं।