लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने याचिका दाखिल कर 19 जून के नोटिस व 23 जून को जारी परीक्षा स्कीम को रद् किये जाने की मांग की है। छात्रों की याचिका में मास प्रमोशन अथवा ऑनलाइन परीक्षा के सम्बंध में विचार किये जाने का आदेश देने की भी मांग की गई है। याचिका न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की एकल सदस्यीय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हो चुकी है, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी है।
जतिन कटियार व 22 अन्य छात्र-छात्राओं की ओर से दाखिल उक्त याचिका में कोरोना महामारी के कारण परीक्षा स्कीम को रद् किये जाने की मांग की गई है। कहा गया है कि एलयू के परीक्षा नियंत्रक ने बिना महामारी की समस्या पर गौर किये व बिना इसे देखे कि रेलवे अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप ट्रेनों का संचालन नहीं कर रहा है, उक्त परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया।
ट्रेनों व टिकट की अनुपल्ब्धता के कारण छात्र परेक्षा के लिए आने में असमर्थ होंगे। जो छात्र पीजी में रह रहे थे, उन्हें नई या पुरानी पीजी तालाशने में दिक्कत होगी व विश्वविद्यालय और कॉलेजों के हॉस्टलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पाना असम्भव है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि एलयू के तीन प्रोफेसर व कुछ स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, ऐसे में भारी मात्रा में छात्रों और उनके अभिभावकों समेत समाज में भी कोरोना फैलने का खतरा है। याचिका में लॉकडाउन के समय ऑनलाइन क्लासेज की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया गया है।
याचिका में बीबीएयू, लखनऊ, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, शिबपुर, आईआईटी कानपुर और दिल्ली यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए मांग की गई है कि उक्त विश्वविद्यालयों के भांति एलयू में भी छात्रों को मास प्रमोशन दिये जाने के विकल्प अथवा ऑनलाइन परीक्षा इंटरनेट और लैपटॉप की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कराए जाने पर विचार किया जाए।