लखनऊ। पिछले कुछ महीनों में किसान आंदोलन भाजपा के लिए बड़ी समस्या बना है। उत्तर प्रदेश में इसका असर देखने को मिला पश्चिमी यूपी के किसान आंदोलन में शामिल हुए और उन्होंने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई। यूपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में पश्चिमी यूपी के किसानों का समर्थन जुटाना भाजपा के लिए चुनौती होगी। इसी को देखते हुए अब नई रणनीति बनाई जा रही है।
नाराजगी दूर करेगी भाजपा
पश्चिमी यूपी के किसान भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे हैं। किसान कानून लागू होने के बाद उन्होंने इसका विरोध जताया। दिल्ली में सड़कों पर बैठकर लगातार आंदोलन करते रहे, अब भाजपा कोर कमेटी की बैठक में किसानों की नाराजगी दूर करने का फैसला किया गया है। किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए भारतीय जनता पार्टी अब कदम उठाएगी।
आने वाले चुनाव में अपने विकास कार्यों के साथ-साथ हर वर्ग का समर्थन भी जरूरी होगा। जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जमीन पर सरकार के विकास कार्यों को गिना रहे हैं, वहीं अब पश्चिमी यूपी के किसानों को साधने की भी कोशिश की जा रही है।
विपक्ष को भी मिलेगा जवाब
किसानों की नाराजगी का फायदा किसानों से ज्यादा विपक्ष ने उठाया। इसी मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं रही। कई मंच पर विपक्षी नेता दिखाई दिए और उन्होंने किसानों के मंच से भाजपा सरकार पर हमला बोला। अब बीजेपी पलटवार करने की तैयारी कर रही है। विपक्ष को भी अलग-अलग मुद्दों पर जवाब देने के लिए पूरी प्लानिंग कर ली गई है।
मौजूदा योगी सरकार सेवा सरोकार के साथ-साथ राष्ट्रवाद के मुद्दे को भी नहीं छोड़ने वाली है। वह राष्ट्रवाद के झंडे को लेकर मैदान में उतरेगी और आने वाले चुनाव में अपना समर्थन जुटाएगी। किसानों के साथ-साथ पिछड़े और अति पिछड़े वोट बैंक को भी अपनी तरफ शामिल करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। बीएसपी की जमीन पर पकड़ धीरे-धीरे कमजोर हो रही है, ऐसे में उस वोट बैंक पर भी भाजपा की नजर बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में इसका फायदा भी उन्हें मिला है।