मेरठ। उत्तर प्रदेश में डूबती जा रही कांग्रेस की नाव को भंवर से उबारने के लिए प्रियंका वाड्रा नए फामरूलों पर अमल कर रही हैं। पार्टी किसानों को साधने के लिए पश्चिमी उप्र के 27 जिलों में जय जवान-जय किसान के कांसेप्ट पर आगे बढ़ रही है, वहीं पश्चिमी यूपी में जाट-गुर्जर कार्ड खेलते हुए दिग्गज गुर्जर चेहरा सचिन पायलट और जाट चेहरा दीपेंद्र हुड्डा को भी सक्रिय करेगी। उधर, पार्टी हाईकमान प्रियंका वाड्रा को प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर आधी आबादी को साधने का मंथन कर रहा है।
किसानी की जमीन पर सियासी फसल की तैयारी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने पश्चिमी यूपी में पंजे को मजबूत करने के लिए जमीन बनाना शुरू कर दिया है। दस फरवरी को सहारनपुर में शाकंभरी देवी मंदिर से शुरुआत की। यह पश्चिमी उप्र का एकमात्र जिला है, जहां कांग्रेस के दो विधायक हैं। प्रियंका की टीम पश्चिमी उप्र में रालोद से खिसके वोटबैंक पर खासतौर पर फोकस कर रही है।
प्रियंका 15 फरवरी को मेरठ एवं बिजनौर में किसानों के बीच पहुंचेंगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू गाजीपुर बार्डर पर भाकियू नेता राकेश टिकैत से मिलकर तपिश भांप चुके हैं।
कांग्रेस को पता है कि पश्चिमी उप्र में डगर इतनी आसान नहीं है। जाट और गुर्जर के साथ ही ओबीसी का वोट काफी हद तक भाजपा के पाले में है। प्रियंका ने किसानी से जुड़े गुर्जर-जाट वर्ग को साधने के लिए पार्टी के दो दिग्गज युवाओं को पश्चिमी यूपी में सक्रिय करने की रणनीति बनाई है। सचिन पायलट और दीपेंद्र हुड्डा जल्द ही किसानों के बीच भी जातीय संतुलन साधते नजर आएंगे।
प्रियंका ने दस फरवरी को सहारनपुर में मां शाकंभरी देवी मंदिर में 25 मिनट का ध्यान लगाया। वहां से खानकाह रहीमी रायेपुर पहुंचीं, जहां खानकाह के प्रबंधक अतीक अहमद ने उनका खैरमकदम किया। पंचायत में केंद्र सरकार को जमकर घेरा, साथ ही जय जवान-जय किसान अभियान की भी शुरुआत की।
पंचायत में प्रियंका ने न सिर्फ मुस्लिम धर्मगुरुओं का अभिवादन स्वीकार किया, बल्कि बाद में संतों से मां वैष्णो देवी की चुनरी भी ओढ़ी। बाद में प्रयागराज की यात्र में संगम में स्नान करती और नाव चलाती नजर आईं, जिसके राजनीति में बड़े मायने हैं। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रियंका राम मंदिर से लेकर मथुरा समेत अन्य धार्मिक स्थलों का भी दौरा कर सकती हैं।