लखनऊ। उत्तर प्रदेश में यूं तो दिसम्बर में कड़ाके की ठंड पड़ने लगती है लेकिन अबकी बार पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिसम्बर में पसीने छूट रहे हैं। बीते पांच दिन से राजधानी सहित अन्य जिलों का पारा सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस तक ऊपर जा रहा है। तापमान तीन डिग्री अधिक होने और तेज धूप के चलते 30 डिग्री की गर्मी महसूस हो रही है।
बीते साल की बात करें तो 8 दिसम्बर 2019 को अधिकतम तापमान 26 तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रिकार्ड किया गया था। वहीं शहर का एक्यूआई-377 (अत्यंत खराब) पहुंच गया है। इस संख्या को वायु प्रदूषण के मानकों में गंभीर एवं खतरनाक माना जाता है। शहर में लालबाग‚ अलीगंज व तालकटोरा क्षेत्र का एक्यूआई सबसे अधिक खराब हो गया है।
पिछले वर्ष 8 दिसंबर को पारा अधिकतम 26 व न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। इस साल तापमान अभी तक 26 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा है। मौसम शुष्क रहने से लोगों को घने कोहरे व शीत लहर भरी ठंड से राहत है। पारा 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरा है। धूप के साथ चल रही हवा तेज गर्मी का अहसास नहीं होने दे रही हैं। ऐसे में मौसम खुशगवार जान पड़ता है।
पश्चिमी विक्षोभ का है असर
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि देश के उत्तरी इलाकों के साथ ही पाकिस्तान के कुछ हिस्सों पर पश्चिमी विक्षोभ असर से ऐसा हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही तापमान में कमी के बजाय वृद्धि हो रही है। इसी के कारण कुहरे का भी बड़ा असर नहीं दिख रहा है।
12 के बाद गिरेगा तापमान
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि 12 दिसम्बर के बाद से तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी। 11 या 12 दिसम्बर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बरसात की भी संभावना है। लखनऊ व आसपास के जिलों में 12 को हल्की बदली रहेगी। 13 और 14 दिसम्बर कि लखनऊ का तापमान 24 डिग्री से नीचे आ जाएगा।
वायु प्रदूषण में मामूली सुधार लेकिन स्वास्थ्य के लिए अभी भी खतरनाक
राजधानी के वायु प्रदूषण में मंगलवार को मामूली सुधार आया है। AQI खतरनाक स्तर से कम होकर 388 अत्यंत खराब स्तर पर आ गया है। यह संख्या लाल निशान के नीचे जरूर है लेकिन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खराब है। वायु प्रदूषण के कारण दमा–खांसी व हृदय रोगियों की परेशानी एकदम से बढ़ गयी है। अस्पतालों में इस तरह की मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। पीएम 2.5 की कण फेफड़़ों में पहुंचने से सांस लेने में परेशान हो रही है।
धूल और धुएं पर प्रभारी नियंत्रण न होने से राजधानी की हवा अत्यंत जहरीली होती जा रही है। हवा की गति कम होने से परेशानी और बढ़ गयी है। वातावरण में स्माग बढ़ने से तापमान में भी गिरावट हुई है। इससे हवा में पीएम 2.5 की मात्रा में अचानक बढ़ोतरी हो गयी है। बीते तीन दिनों से लखनऊ की वायु गुणवत्ता गंभीर अवस्था में पहुंच गयी थी। शनिवार को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडे़क्स भी 400 को पार करके 422 तक पहुंच गया था है।