नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए संतुलित दृष्टिकोण की वकालत करते हुए शनिवार को कहा कि खिलाड़ियों को खुद को तरोताजा करने के लिए बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) से ‘समय-समय पर आराम’ देने की जरूरत है।
कोहली ने कहा कि महामारी के कारण क्रिकेट की कमी की भरपाई करने के लिए खिलाड़ियों की सेहत को जोखिम में डालने से खेल को कोई फायदा नहीं होगा। कोहली ने टी20 विश्व कप 2021 में भारत बनाम पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मैच की पूर्वसंध्या पर यह बात कही।
कोहली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘खेल और खिलाड़ियों को लेकर संतुलित दृष्टिकोण रखना जरूरी है। खिलाड़ियों को समय-समय पर ब्रेक देना महत्वपूर्ण है, जहां वे मानसिक रूप से तरोताजा हो सके और ऐसी परिस्थितियों में ढल सकें जहां फिर से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो। यह महत्वपूर्ण है।
आगे चलकर यह जरूरी है कि इस बात पर विचार किया जाए। मैं समझता हूं कि लंबे समय से दुनिया में क्रिकेट नहीं हुआ, लेकिन इसकी भरपाई के लिए अगर आप किसी खिलाड़ी को जोखिम लेने के लिए कहते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि विश्व क्रिकेट को इससे कोई फायदा होगा।’
बायो-बबल से जुड़ी मुश्किल परिस्थितियों के कारण मानसिक तनाव दुनियाभर में चर्चा का विषय रहा है। इसने अंतर्राष्ट्रीय टीमों के कई खिलाड़ियों को प्रभावित किया है। कोहली ने कहा कि कोई भी बायो-बबल में किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति का अंदाजा नहीं लगा सकता, ऐसे में टीम मैनेजमेंट के लिए खिलाड़ियों से इस मुद्दे पर बात करना जरूरी हो जाता है।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘खिलाड़ियों को यह बताने की जरूरत है कि उन्हें कहां रखा गया है, वे क्या चाहते हैं। आप व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बता सकते कि बायो-बबल में कौन मानसिक रूप से किस स्तर पर है। अगर आप पांच-छह लोगों (खिलाड़ियों) को खुश देखते हैं, तो आप यह निर्धारित नहीं कर सकते कि सभी 15-16 लोग (खिलाड़ी) ऐसा ही महसूस कर रहे हैं।’
कोहली ने हालांकि कहा कि मौजूदा टी20 विश्व कप जैसे टूर्नामेंट खिलाड़ियों को प्रेरणा देता हैं। उन्होंने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि हमने अभी आठ टीमों के साथ आईपीएल खेला है, हर दिन एक नयी चुनौती थी, आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए टूर्नामेंट में आगे बढ़ते हैं। लेकिन इसके बावजूद इस (बायो-बबल के कारण तनाव) बारे में विचार करना जरूरी है।’