पुडुचेरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सियासी संकट से जूझ रहे पुडुचेरी पहुंचे। यहांं उन्होंने लगभग 3 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इसके बाद उन्होंने एक रैली की। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हाईकमान कल्चर से पुडुचेरी को नुकसान हुआ। मैं देख रहा हूं कि पुडुचेरी की हवा बदल रही है।
मोदी ने कहा कि 2016 में पुडुचेरी को लोगों की सरकार नहीं मिली। उन्हें ऐसी सरकार मिली जो दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की सेवा में व्यस्त थी। उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं। आपके पूर्व CM अपनी पार्टी के टॉप लीडर की चप्पल उठाने में एक्सपर्ट थे। पुडुचेरी एक ऐसी सरकार का हकदार है, जिसकी हाईकमान यहां के लोग हों, न कि दिल्ली में बैठा कांग्रेस नेताओं का एक छोटा ग्रुप। NDA यह भरोसा देगा कि अगली सरकार लोगों की होगी।
इस दौरान वह कांग्रेस पार्टी पर जमकर बरसे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले पूरे देश ने एक वीडियो देखा था। एक असहाय महिला चक्रवात और बाढ़ के दौरान पुडुचेरी सरकार और सीएम की उपेक्षा के बारे में शिकायत कर रही थी। उसकी आंखों में दर्द देखा जा सकता था। उसकी आवाज से लोग उसकी दर्द को समझ सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री ने देश को सच बताने के बजाय, महिला के शब्दों का गलत अनुवाद किया। उन्होंने लोगों और अपने ही नेता से झूठ बोला। क्या ऐसी पार्टी जिसकी संस्कृति झूठ पर आधारित है, कभी लोगों की सेवा कर सकती है?
पीएम मोदी ने रागुल गांधी पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यहां आकर कहते हैं कि हम मछुआरों के लिए मत्स्यपालन मंत्रालय बनाएंगे, मैं हैरान था। सच ये है कि मौजूदा एनडीए सरकार ने 2019 में मछुआरों के लिए मंत्रालय बनाया था।
नारायणसामी ने राहुल गांधी की चप्पलें उठाई थीं
हाल में पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार गिर गई थी। नारायणसामी इसमें मुख्यमंत्री थे। 2015 में नारायणसामी का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वे तब कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे राहुल गांधी की चप्पलें उठाते दिख रहे थे। राहुल गांधी पुडुचेरी के दौरे थे। इस दौरान वे ऐसे इलाके में गए थे, जहां बाढ़ आई हुई थी।
पानी से निकलने के लिए राहुल ने चप्पल उतारी तो नारायणसामी ने चप्पलों को हाथ में उठा लिया। कुछ देर बाद नारायणसामी ने राहुल के सामने चप्पलें रखीं। राहुल ने बिना कुछ कहे चप्पलें पहन लीं थीं।
मोदी 14 दिन में दूसरी बार तमिलनाडु जाएंगे
पुडुचेरी से प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु जाएंगे। 14 दिन में वह दूसरी बार तमिलनाडु का दौरा करेंगे। यहां वे कोयंबटूर में 12,400 करोड़ रुपए की लागत से कई परियोजनाएं शुरू करेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में भाजपा का फोकस उस एससी-एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय पर पकड़ बनाना है, जो वहां की आबादी का 30% हैं। इसके अलावा भाजपा उत्तर भारतीय पार्टी होने की छवि को भी तोड़ना चाहती है।
तमिलनाडु मोदी समेत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और स्टार प्रचारक दर्जनों कार्यक्रम कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, मोदी रैली में तमिलनाडु में निचली जातियों के लिए लोकसभा में पेश किए गए बिल पर बोल सकते हैं। यह बिल राज्य की 7 अनुसूचित जातियों को एक नाम देवेंद्रकुला वेलालर्स के तौर पर रहने का रास्ता खोलेगा। इन समुदायों की लंबे समय से यही मांग रही है।
तमिलनाडु में भाजपा के गेमप्लान पर एक्सपर्ट के 3 प्वाइंट
1. राजनीतिक विश्लेषक बिल और लगातार दौरों को भाजपा की उस बड़ी कोशिश के तौर पर देख रहे हैं, जिसके जरिए वो तमिलनाडु के निचले तबके के वोटों को अपने पाले में लाना चाहती है।भाजपा पश्चिमी तमिलनाडु की गाउंडर्स, मदुरई, दक्षिण तमिलनाडु के थेवार समुदाय, उत्तर तमिलनाडु की वानियार्स और नाडर्स समुदाय को भी अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है।
2. पार्टी अपने उन विरोधियों को भी संदेश दे रही हैं, जो कहते हैं कि भाजपा उत्तर भारत की पार्टी है। भाजपा की एक और बड़ी रणनीति खुद को तमिल समर्थक दिखाना है।
3. भाजपा के सामने दूसरी बड़ी चुनौती उत्तर बनाम दक्षिण या हिंदी बनाम तमिल की लड़ाई से निपटना है। यही वजह है कि अपने कार्यक्रमों में मोदी समेत केंद्रीय नेता तमिल भाषा की समृद्धि पर बात करते हैं और यहां के कवियों का जिक्र करते हैं।
तमिलनाडु में मोदी के प्रोग्राम
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर में 12,400 करोड़ रुपए की लागत से कई परियोजनाएं शुरू करेंगे। न्येवेली की बिजली परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी को भी फायदा होगा। मोदी वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर ग्रिड से जुड़े पांच मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास भी करेंगे।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद भाजपा अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है। तमिलनाडु में भाजपा अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव मैदान में है, जहां उसका सामना द्रमुक और कांग्रेस के गठबंधन से है।