जौनपुर। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के कमराज़ीपोरा इलाके में बुधवार सुबह आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है, जबकि इस दौरान एक जवान शहीद हो गया। आतंकियों से मुठभेड़ में शहादत देने वाला यह जवान 2014 में सेना में भर्ती हुआ जौनपुर का बेटा जिलाजीत यादव है। देश की रक्षा करने वाला वीर सपूत अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था। अभी वह तीन माह पूर्व ही एक बच्चे का पिता बना था। जिलाजीत के शहीद होने की मनहूस खबर मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया है।
जिले के बहादुरपुर सिरकोनी गांव के निवासी कांता यादव के तीन बेटियां व एक पुत्र जिलाजीत यादव है।जिलाजीत भारत मां की रक्षा के लिए 2014 में सेना में भर्ती हुए थे। पुलवामा जिले के कमराजीपोरा इलाके के एक बाग में सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। सूचना मिलने के आधार पर सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने आतंकियों की धर-पकड़ के लिए तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देख गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। इस दौरान जौनपुर का सैनिक जिलाजीत शहीद हो गया।
जिलाजीत के शहीद होने की खबर प्रशासन से मिलते ही मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी टूट गई और तीन माह के दुधमुंहे बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया। शहीद जिलाजीत के दोस्त अमित यादव ने बताया उसके अंदर बचपन से देशभक्ति का जज्बा था। उसने सेना में भर्ती होने के लिए जमकर खून पसीना बहाया था। उसके शहीद होने का गम होने के साथ ही हम लोगों का सीना फक्र से चौड़ा हो गया है कि उसने देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।