कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरू कांड को हुए एक लम्बा समय बीत चुका है। लेकिन उसके बाद भी पुलिस उसके काण्ड में शामिल आरोपी या विकास दुबे के सहयोगियों की धड़पकड़ में अभी भी लगी हुई है। इस बीच पुलिस को चकमा देते हुए गैगस्टर विकास दुबे का भाई दीपक दुबे ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल बेज दिया है।
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद से दीपक दुबे फरार चल रहा था। पुलिस ने उसको पकड़ने के लिए 20 हज़ार का इनाम भी घोषित कर रखा था। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दीपक दुबे पर जालसाजी करने और रंगदारी वसूलने का मामला दर्ज है। इसी मामले में दीपक ने सरेंडर किया।
बता दें कि दीपक की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वह हर बार किसी ने किसी तरह से पुलिस को चकमा दे रहा था। दीपक ने इससे पहले भी कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश की थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से वो ऐसा नहीं कर सका।
इस बार वो ऐसा करने में सफल रहा। इस बार उसने कोरोना रिपोर्ट के साथ सरेंडर कर दिया। बताया जा रहा है कि वह रात से ही कोर्ट परिसर में छिपा हुआ था।
संपत्ति हुई कुर्क
इससे पहले बीते शुक्रवार को पुलिस ने दीपक दुबे उर्फ दीपू की संपत्ति को कुर्क कर लिया था। एडीसीपी (मध्य) के नेतृत्व में करीब चार घंटे तक कार्रवाई हुई। इस दौरान पुलिस ने करीब एक करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया। पुलिस की तरफ से ये कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गयी।
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा के अनुसार, कृष्णानगर थानाक्षेत्र के इंद्रलोक कालोनी में रहने वाले दीपक दुबे और उसके भाई विकास दुबे पर जुलाई में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन दीपक दुबे फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया। उसके खिलाफ कोर्ट से कई बार गैर जमानती वारंट भी जारी कराया गया था।