नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए अवमानना मामले में पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया। ललित मोदी की माफी को स्वीकार करते हुए जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस सी.टी. रविकुमार ने कहा कि यह अदालत माफी में विश्वास करती है। आईपीएल के पूर्व आयुक्त का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के समक्ष कहा कि ललित मोदी पहले ही आपत्तिजनक पोस्ट हटा चुके हैं और अखबारों में माफीनामा प्रकाशित कर चुके हैं।
पीठ ने कहा कि भविष्य में अगर उनके द्वारा कोई ऐसा बयान दिया जाता है, जो भारतीय न्यायपालिका को अपमानित करता है, तो इसे बहुत गंभीरता से लिया जाएगा।
13 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी को सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायपालिका के खिलाफ उनकी टिप्पणी पर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था।
पीठ सीयू सिंह द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह कहा गया कि पूर्व आईपीएल आयुक्त कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं।
अपने 13 अप्रैल के आदेश में, शीर्ष अदालत ने कहा, अवमाननाकर्ता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.एम. सिंघवी ने बार में कहा है ललित मोदी अपने टिप्पणी के संबंध में बिना शर्त माफी मांगेंगे। यह सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यह प्रमुख समाचापत्रों के मुंबई, दिल्ली चेन्नई, कलकत्ता और बेंगलुरु आदि संस्करणों में प्रकाशित किया जाएगा।
उन्होंने बार में यह भी कहा है कि इस अदालत के समक्ष बिना शर्त माफी मांगने के साथ-साथ विशेष रूप से यह कहते हुए एक और हलफनामा दायर किया जाएगा कि भविष्य में ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया जाएगा, जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने जैसा हो।(आईएएनएस)