पेंशन स्कीम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना पर भी कोरोना क्राइसिस की मार

नई दिल्ली। पेंशन स्कीम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना पर भी कोरोना क्राइसिस की मार पड़ रही है। कोरोना काल से पहले हर महीने औसतन 1 लाख से ज्यादा वर्कर इस स्कीम जुड़ते थे, लेकिन अब इस स्कीम पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है। जुलाई में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में जुलाई में सिर्फ 12,560 वर्कर्स जुड़े हैं।

अक्टूबर 2019 में हुए थे 5 लाख रजिस्ट्रेशन
अक्टूबर 2019 में इसमें 5 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस साल फरवरी में पेंशन पंजीकरण 189,000 से ज्यादा रहा। अप्रैल में नए नामांकन 17,000, मई में 19,000, जून में 13,900 और जुलाई में 12,560 नए रजिस्ट्रेशन हुए।

क्या है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना?
इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। इसमें 18 से 40 साल तक का व्यक्ति निवेश कर सकता है। योजना के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूर की इनकम 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना के तहत जितना कंट्रीब्यूशन हर महीने लाभार्थी करता है, उतना ही सरकार उसमे मिलाती है। यानी अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 100 रुपए है तो सरकार भी इसमें 100 रुपए मिलाएगी।

EPFO में भी नए रजिस्ट्रेशन की संख्या हुई कम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अनुसार मई महीने में EPFO में 3.18 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इससे पहले अप्रैल महीने में महज 1.33 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए थे। कोरोनावायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण इसमें गिरावट आई है। EPFO में रजिस्ट्रेशन के आंकड़े संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है। इस साल मार्च में नए रजिस्ट्रेशन घटकर 5.72 लाख रह गई थी। फरवरी, 2020 में 10.21 लाख नए लोग ईपीएफ सदस्यों में जुड़े थे। ईपीएफओ में हर महीने औसतन 7 लाख नए मेंबर जुड़ते हैं।

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