सीतापुर। नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए नए पुराने संभावित दावेदार सक्रिय हो गए हैं वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष पद पर फिर एक बार अपनी अपनी पारिवारिक प्रतिष्ठा एवं वर्चस्व कायम करने को नगर पंचायत के तीन पुराने घरानों के दिग्गज भी मतदाताओं को रिझाने पटाने में रात दिन एक करके जी जान से जुट गए हैं।
वैसे इस नगर पंचायत के चुनाव में अधिकांशतः जातीय समीकरण ही हार जीत में निर्णायक साबित होते रहे हैं लेकिन अब तक नेताओं के झूठे वायदों से छली गई जनता इस बार काफी सोच समझकर अपने अध्यक्ष के चुनाव के मूड में दिख रही है और इसी के चलते पुराने दावेदारों के साथ नए संभावित दावेदारों को भी फिलहाल मतदाताओं की तरजीह मिलती नजर आ रही है ऐसे में किसी के लिए इस बार चुनावी डगर आसान नहीं दिखती है।
निकाय चुनाव की आहट मिलते ही नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर नए पुराने संभावित दावेदारों के साथ ही तीन पुराने राजनीतिक घरानों के दिग्गज भी पुनः एक बार अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाने की कवायद में रात-दिन एक करके मतदाताओं को रिझाने पटाने में जुट गए। बिधूना को जब से नगर पंचायत का दर्जा मिला है तब से मात्र दो चुनावों को छोड़कर अन्य सभी चुनावों में स्वर्गीय श्रीकांत मिश्रा व उनके पुत्र आदर्श मिश्रा व उनकी पुत्रवधू मनोज कुमारी मिश्रा ही अध्यक्ष पद पर काबिज रहे हैं।
वहीं इस नगर पंचायत में एक चुनाव में पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता एलएस व पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ कर अमित कुमार बाथम भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार के संभावित नगर पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में पुराने राजनीतिक घराने के पूर्व अध्यक्ष आदर्श मिश्रा पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता एल एस के पुत्र वैभव गुप्ता व निवर्तमान अध्यक्ष अमित कुमार बाथम भी अपनी अपनी पारिवारिक साख एवं प्रतिष्ठा कायम रखने के लिए प्राण प्राण से मतदाताओं को रिझाने पटाने में लग गए हैं।
निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष अमित कुमार बाथम के पिता स्वर्गीय छन्नूलाल बाथम भी बिधूना को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के पूर्व बिधूना के प्रधान भी रह चुके थे। वैसे इस नगर पंचायत में अध्यक्ष पद की जीत हार का फैसला अधिकांशतः जातीय समीकरणों पर आधारित रहा लेकिन इस बार जिस तरह से पुराने राजनैतिक घरानों के दिग्गजों को चुनौती देने के लिए उनके ही परिजन या उनके स्वजातीय लोगों के बहुतायत में चुनावी समर में कूदने के चल रहे प्रचार प्रसार से इस बार का चुनाव काफी रोमांचक ही नहीं बल्कि चुनावी समीकरणों के भी उलटफेर होने की संभावना बनने के आसार हैं।
हालांकि फिलहाल देखने में आ रहा है कि भाजपा सपा से टिकट के संभावित दावेदारों की काफी लंबी लाइनें हैं वही आम आदमी पार्टी बसपा कांग्रेस से भी अध्यक्ष पद के संभावित प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने के मूड में है लेकिन इस बार जिस तरह से अधिकांश जातियों में कई जातियों से कई कई संभावित प्रत्याशी बनने की संभावना से दावेदारों के जातीय समीकरण गड़बड़ाने के आशंका से इस बार बिधूना नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा इस पर फिलहाल कुछ कह पाना काफी कठिन है।