-6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों को 125 दिन मिलेंगे काम
– गरीब कल्याण रोजगार अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
इस अवसर उन्होंने स्थानीय लोगों और देशवासियों को संबोधित भी किया। मोदी ने कहा कि कोविड-19 की महामारी और लॉकडाउन की वजह से शहरों से अपने घर को लौट चुके श्रमिकों को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए इस अभियान को शुरू किया गया है। सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस स्कीम के तहत छह राज्यों के 116 जिलों में लोगों को गांव में ही लोगों को 25 तरह के काम मिलेंगे।
इस अभियान की शुरुआत के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हिस्सा लिया।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान में देशभर के 116 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें बिहार में 32 जिलों, उत्तर प्रदेश में 31 जिलों, मध्य प्रदेश में 24 जिलों, राजस्थान में 22 जिलों, उड़ीसा में 4 जिलों, झारखंड में 3 जिले शामिल हैं। सरकार इस अभियान के जरिए दो तिहाई प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराएगी।
उल्लेखीनय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की जानकारी दी थी। इस अभियान को 12 अलग-अलग मंत्रालय और विभागों के साथ कोआर्डिनेशन कर चलाया जाएगा। इसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और हाइवे, खनन, ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटाइजेशन, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, बॉर्डर रोड, टेलीकॉम और एग्रीकल्चर आदि का समावेश होगा।