प्रवासी कामगारों पर बस की जगह बल का प्रयोग अनुचित-अखिलेश

राज्यों की आर्थिक स्थिति देख केन्द्र अपने खर्च पर श्रमिकों को बस-ट्रेनों से भेजे: मायावती
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रवासी कामगारों की समस्या को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने श्रमिकों को बसों से सुरक्षित पहुंचाने के बजाय उन पर बल प्रयोग करने को भी अनुचित करार दिया है।
अखिलेश ने मंगलवार को ट्वीट किया कि आम जनता को ये समझ नहीं आ रहा है कि जब सरकारी, प्राइवेट और स्कूलों की पचासों हजार बसें खड़े-खड़े धूल खा रही हैं तो प्रदेश की सरकार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए इन बसों को सदुपयोग क्यों नहीं कर रही है। ये कैसा हठ है? बस की जगह बल का प्रयोग अनुचित है।
सपा अध्यक्ष ने अपने एक अन्य ट्वीट में प्रवासी कामगारों के गांव की ओर रुख करने पर कहा कि ‘सूरत से सुल्तानपुर, हम चल दिए खद के सहारे। सबने भुला दिया पर मुझको मेरा ‘गांव’ पुकारे।
वहीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने केन्द्र सरकार से प्रवासी कामगारों को सुरक्षित भेजने का खर्च उठाने और राज्य सरकारों से उनके भोजन-पानी की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।
मायावती ने आज ट्वीट किया कि केन्द्र सरकार से अपील है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति को खास ध्यान में रखकर तथा मानवता व इन्सानियत के नाते भी खुद अपने खर्च से श्रमिक प्रवासियों को बसों व ट्रेनों आदि से सुरक्षित भिजवाने के लिए जरूर सकारात्मक कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, राज्यों की सरकारों से भी यह कहना है कि वे अपने-अपने राज्यों में श्रमिक प्रवासियों की खाने व ठहरने तथा उन्हें सरल प्रक्रिया के जरिये बसों व ट्रेनों आदि से भेजने की उचित व्यवस्था जरूर करें।

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