प्रवासी मजदूरों को मुफ्त रेलयात्रा के दावे पर कांग्रेस हमलावर, रेलमंत्री के इस्तीफे की मांग

नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव पहुंचाने के लिए मुफ्त रेल सेवा के दावों पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार का माखौल उड़ाया है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि सरकार के सारे झूठ पर से परदा उठ गया है। सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए उनके टिकट का खर्च राज्य सरकारों से वसूला गया है, इसमें कहीं भी केंद्र का नाम नहीं है।

न्यायालय में इस प्रकार से कथन से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने लोगों को सिर्फ बरगलाने का काम किया है, कभी भी उसकी मंशा लोगों की मदद करने या फिर प्रभावितों को राहत पहुंचाने की नहीं थी। यह झूठ सामने आने के बाद कांग्रेस मांग करती है कि रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे या फिर सरकार उन्हें पद से हटाए।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल कबूल कर लिया कि केंद्रीय सरकार ने गरीबों और प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेलयात्रा शुरू करने की प्रक्रिया के राजनीति के तौर पर लिया। उसने सिर्फ फायदे के लिए रेल सेवा शुरू की लेकिन उसका खर्च गरीब मजदूरों और राज्यों से वसूला गया। सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रवासियों की रेलयात्रा की सभी लागत राज्यों को भेजकर या प्राप्त करके वहन की जानी है। इसमें केन्द्रीय सरकार का कोई उल्लेख नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाने की जगह झूठ पर ज्यादा जोर देती है। 85 प्रतिशत किराया सब्सिडी केंद्र की तरफ से देने का जो झूठ भाजपा ने बाहर फैलाया है, उसे सरकार ने अदालत में स्वीकार लिया है। जबकि रेलमंत्री पीयूष गोयल और गृहमंत्री अमित शाह लगातार झूठ बोलते रहे कि उनकी सरकार लोगों को घर पहुंचाने का पूरा खर्च वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर बिंदू पर सरकार अपने विरोधाभासों से पूरी तरह घिर गई है, ऐसे में जरूरी है कि रेलमंत्री इस्तीफा दे या फिर उन्हें हटाया जाए।

सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों की यात्रा पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने भोजन और पानी के लिए 30 रुपये और अतिरिक्त 20 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क भी लगाया। जबकि सरकार लगातार यह झूठ फैलाती रही कि सब कुछ मुफ्त दिया जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि एक बार गृहमंत्री शाह के बयान दिया था कि जनता धैर्य खोकर जल्दी में पैदल निकल रही है लेकिन हम कहना चाहते हैं कि जनता धैर्य खोकर नहीं बल्कि भाजपा से विश्वास खोकर पैदल चलने को मजबूर हुई थी। भाजपा सरकार गरीबों के ठहरने और राशन व्यवस्था करने में विफल रही। भाजपा अपनी विफलता को प्रवासी मजदूरों के सिर मढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुफ्त यात्रा तो दूर जो श्रमिक विशेष ट्रेने चली भी उसमें सुविधा नाम की चीज नहीं थी।

ट्रेनों से अपने घर लौट रहे मजदूरों की हालत दयनीय दिखी। ट्रेनों से उतरती लाशें इस बात का सबूत हैं कि विशेष ट्रेनों में खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है। उस पर ट्रेनें लगातार देरी से चल रही हैं। ज्यादातर ट्रेनें तो 8 घंटे देरी से चल रही हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार को चलती हुई ट्रेनें मिली थीं तो समय पर चल रही थी। जब एक बार सभी ट्रेनें बंद करके दोबारा चलानी पड़ी, तो सरकार की पोल खुल गई।

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