प्रिगोजिन को लगा माफी मिल गई, बगावत से मौत तक 2 महीनों की पूरी कहानी

रूस के तेवेर इलाके के कुजेनकिनो गांव के आसमान में बुधवार दोपहर ‘एम्ब्रेयर लिगेसी 600’ विमान तेजी से गिरता दिखा। थोड़ी देर बाद खबर आई कि इसमें सवार सभी 10 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वाले पैसेंजर्स की लिस्ट में रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन का नाम भी शामिल था। हालांकि, रूस ने आधिकारिक रूप से अभी प्रिगोजिन की मौत की पुष्टि नहीं की है।

प्रिगोजिन वही शख्स हैं, जिनकी अगुआई में 2 महीने पहले वैगनर ग्रुप ने पुतिन के खिलाफ बगावत की थी। इसलिए अफवाहों और साजिशों का बाजार गर्म है। कुछ लोगों का मानना है कि प्रिगोजिन ने गायब होने के लिए अपनी मौत का नाटक रचा है, कुछ का कहना है कि ये हमला यूक्रेन ने करवाया होगा। सबसे ज्यादा उंगलियां रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तरफ उठ रही हैं, क्योंकि उनसे बगावत करने वालों के ऐसे अंजाम का लंबा इतिहास रहा है।

24 अगस्त 2023 को तेवेर इलाके के कुजेनकिनो गांव के पास से एक विमान का मलबा मिला है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि ये उसी विमान का मलबा है, जिससे वैगनर प्रमुख येवेगनी मॉस्को से रवाना हुए थे। (फोटो साभार: AFP)
24 अगस्त 2023 को तेवेर इलाके के कुजेनकिनो गांव के पास से एक विमान का मलबा मिला है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि ये उसी विमान का मलबा है, जिससे वैगनर प्रमुख येवेगनी मॉस्को से रवाना हुए थे। (फोटो साभार: AFP)

प्रिगोजिन की अगुआई में वैगनर की बगावत का किस्सा
25 मई 2022 को इसकी शुरुआत हुई। जब येवगेनी प्रिगोजिन ने दावा किया कि क्रेमलिन ने बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक कराया है। येवगेनी ने कहा कि रूसी सेना की वजह से इस हमले में कई वैगनर लड़ाके मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि वह रूस के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वो सिर्फ रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के खिलाफ हैं।

इसके बाद अगले एक महीने तक प्रिगोजिन ने कई वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग शेयर की। इन रिकॉर्डिंग में उन्होंने आरोप लगाया कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने यूक्रेन में वैगनर ग्रुप पर रॉकेट हमले का आदेश दिया है, जहां उनके सैनिक रूसी सेना के लिए लड़ रहे हैं।

इसके बाद पुतिन से येवगेनी की तल्खी बढ़ गई। 23 जून को बगावत से पहले येवगेनी ने एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि रूसी रक्षा मंत्री से इसका बदला लेंगे। रूसी सेना इसमें हस्तक्षेप नहीं करे। साथ ही जवानों को मॉस्को की ओर कूच करने का आदेश देते हुए वैगनर प्रमुख ने कहा कि यह सैन्य तख्तापलट नहीं, बल्कि मार्च ऑफ जस्टिस है। वैगनर लड़ाकों ने रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया।

रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विसेस (FSB) ने येवगेनी प्रिगोजिन के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। FSB ने वैगनर ग्रुप के लड़ाकों से अपील की थी कि वे प्रिगोजिन को गिरफ्तार करें और उनके आदेशों को न मानें। हालांकि, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से फोन पर बात करने के बाद येवगेनी ने अपने लड़ाकों को वापस कैंप में लौटने का आदेश दिया।

पुतिन की पहली प्रतिक्रिया- उन्होंने रूस को धोखा दिया
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रिगोजिन का नाम लिए बिना कहा- जिन लोगों ने विद्रोह की तैयारी की, उन्होंने रूस को धोखा दिया है। पुतिन की शब्दावली में धोखे की सजा सिर्फ मौत है। हालांकि, इसके बाद पुतिन ने इस पूरे मामले को उसी चालाकी से हल किया, जिसके दम पर पिछले 20 सालों से वो रूस की सत्ता पर काबिज हैं।

इस घटना के बाद अगले 2 महीने तक पूरा सीक्वेंस कुछ इस तरह से रहा…

  • 24 जून को हुए विद्रोह के बाद वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन कार्रवाई से बचने के लिए रूस छोड़कर बेलारूस चले गए।
  • 27 जून को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन बेलारूस पहुंच गए हैं।
  • 29 जून को वैगनर प्रमुख येवगेनी से मिलने की बात खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बाद में स्वीकार की थी।
  • 6 जुलाई को अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन बेलारूस छोड़कर जा चुके हैं।
  • 27 जुलाई को वैगनर प्रमुख को सेंट पीटर्सबर्ग में रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के मौके पर अफ्रीका के एक बड़े नेता से मिलते हुए देखा गया था। रूसी मीडिया के अनुसार, यह तस्वीर सेंट पीटर्सबर्ग के ट्रेजिनी पैलेस होटल में ली गई थी।
  • 23 अगस्त को हुई विमान दुर्घटना से ठीक 2 दिन पहले कथित तौर पर एक वीडियो में वैगनर प्रमुख येवगेनी दिखे थे। इसमें अफ्रीका के एक खाली मैदान में येवगेनी वैगनर आर्मी की ड्रेस में नजर आ रहे थे। वीडियो में वैगनर प्रमुख येवगेनी गुर्राते हुए कह रहे थे- ‘हम अफ्रीका में अपना काम कर रहे हैं। यहां का तापमान 50 डिग्री से भी ज्यादा है, लेकिन ऐसा वातावरण हम वैगनर लड़ाकों को पसंद है। हमारे लड़ाके विरोधियों के खिलाफ खोज अभियान चला रहे हैं। हमारा मकसद साफ है कि सभी महाद्वीपों पर रूस को महान बनाना है और अफ्रीका को और भी ज्यादा स्वतंत्र बनाना है।’
रूस में विमान हादसे के बाद वैगनर प्रमुख येवगेनी और वैगनर के दूसरे कमांडर दिमित्री उत्किन को श्रद्धांजलि दी जा रही है। (फोटो साभार: AFP)
रूस में विमान हादसे के बाद वैगनर प्रमुख येवगेनी और वैगनर के दूसरे कमांडर दिमित्री उत्किन को श्रद्धांजलि दी जा रही है। (फोटो साभार: AFP)

प्रिगोजिन बेफिक्र क्यों हो गए?

बगावत के बाद येवगेनी को लगा कि राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें माफ कर दिया है। इसकी 3 वजहें थीं…

1. वैगनर प्रमुख के सभी आरोपों को वापस लेकर येवगेनी को बेलारूस जाने की इजाजत दे दी गई।

2. येवगेनी को अफ्रीका में चल रहे पुतिन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का जिम्मा सौंपा गया। 5,000 से ज्यादा वैगनर लड़ाके रूस के इंट्रेस्ट के लिए अफ्रीका में तैनात हैं। लीबिया, माली और सूडान में खनिज संसाधनों और डिप्लोमेसी के लिए रूस ने इनकी तैनाती की है। एक बार फिर से पुतिन ने येवगेनी को मोर्चे पर जाने की इजाजत दे दी।

3. महज दो महीने के भीतर उन्हें वापस रूस लौटने की इजाजत दे दी गई। वह रूस और अफ्रीका के बीच होने वाली समिट के समय मॉस्को में मौजूद थे।

इन्हीं सब बातों से येवगेनी को लग रहा था कि पुतिन ने उन्हें माफ कर दिया है।

पुतिन से बगावत करने वालों की मौत के कुछ पुराने किस्से…
पुतिन से बगावत करने वालों की मौत कोई नई बात नहीं है। पुतिन पर आरोप लगता है कि उनके एजेंट कभी जहर देकर, कभी थैलियम मिली हुई कॉफी पिलाकर तो कभी नोविचोक एजेंट्स के जरिए दुश्मनों को रास्ते से हटाने का काम करते हैं। हालांकि, आज तक कुछ साबित नहीं हो सका। अब पुतिन विरोधी कुछ बड़े नेताओं की मौत के किस्से जानते हैं…

  • एना पोलितकोवस्काया रूसी पत्रकार थीं और रूस में पुतिन के शासन की घोर आलोचक थीं। उन्होंने एक किताब पुतिन के खिलाफ लिखी थी- ‘पुतिन रूस: लाइफ इन फेलिंग डेमोक्रेसी।’ 2004 में चेचन्या संघर्ष को कवर करने के लिए वह प्लेन से सफर कर रही थीं, तभी चाय में जहर देकर उन्हें मारने की कोशिश की गई। पत्रकार पोलितकोवस्काया की मौत के आरोप राष्ट्रपति पुतिन पर लगे। पोलितकोवस्काया किसी तरह बच गईं और बाद में उन्होंने पुतिन पर हमले का आरोप लगाया। 2006 में पुतिन के जन्मदिन के दिन एना की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
  • अलेक्सी नवालनी रूस के टॉप विपक्षी नेताओं में से एक थे। मॉस्को के मेयर का चुनाव लड़कर और पुतिन का विरोध कर नवालनी चर्चा में आए। 2020 में नवालनी को जहर देकर मारने की कोशिश की गई। उन्हें जर्मनी ले जाया गया। जहां 32 दिनों तक चले इलाज के बाद वह अस्पताल से बाहर आए। रूसी नेता नवालनी को जेल में बंद कराने के आरोप भी राष्ट्रपति पुतिन पर लगे। नवालनी ने इस हमले का आरोप पुतिन पर लगाया। 2021 में रूस आते ही उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। नवालनी को 9 साल अतिरिक्त जेल की सजा सुनाई गई है। वह अब भी जेल में बंद हैं।
  • रविल मगनोव सबसे बड़ी रूसी तेल कंपनी लुकोइल के चेयरमैन थे। 3 मार्च 2022 को रविल मगनोव ने एक कार्यक्रम में रूस और यूक्रेन जंग की आलोचना की थी। साथ ही उन्होंने बातचीत के जरिए जल्द से जल्द इस जंग को खत्म करने की अपील भी की थी। 31 अगस्त 2022 यानी यह बयान देने के 6 महीने बाद मॉस्को के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई। तस्वीर में रविल मगनोव राष्ट्रपति पुतिन के साथ दिख रहे हैं। रविल की मौत के आरोप भी पुतिन पर लगे हैं। रूसी समाचार एजेंसी तास ने अपनी खबर में बताया कि मॉस्को के एक अस्पताल की खिड़की से नीचे गिरकर रविल मगनोव की मौत हुई है। वहीं, तेल कंपनी ‘लुकोइल’ ने अपने बयान में कहा कि रविल मगनोव की मौत एक गंभीर बीमारी से हुई है। रविल की हत्या कराने का आरोप पुतिन पर लगा।
  • यूरी वोरोनोव, रूस के एस्ट्रा शिपिंग कंपनी के CEO और संस्थापक थे। 19 जुलाई 2022 को सेंट पीटर्सबर्ग स्थित उनके घर के स्विमिंग पूल में 61 वर्षीय यूरी वोरोनोव का मृत शरीर पानी में तैरता हुआ मिला था। रूस के एस्ट्रा शिपिंग कंपनी के CEO यूरी वोरोनोव की मौत का आरोप भी पुतिन पर लगा था। यूरी वोरोनोव के शरीर पर गोली का निशान मिला। पुलिस के मुताबिक किसी ने उनकी गोली मारकर हत्या की है। रूसी जांच एजेंसी ने बताया कि मृत शरीर मिलने के करीब 14 घंटे पहले उनकी मौत हुई। वोरोनोव की पत्नी ने पुलिस को बताया कि पैसे को लेकर बिजनेस पार्टनर के साथ उनका झगड़ा हुआ था। इसके बाद ही 1 जुलाई को वह अपने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित अपने घर गए थे।

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