गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीज के साथ हुई लापरवाही का मामला शासन तक पहुंच गया है। नौ जुलाई को सूरजकुंड निवासी संक्रमित मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों ने निगेटिव रिपोर्ट दी थी। इसके कुछ घंटे बाद रिपोर्ट पॉजिटिव बताया गया। लेकिन अब तक पॉजिटिव रिपोर्ट की कॉपी भी नहीं दी गई है।
इस बीच परिजन शव लेकर घर चले आए थे। शव को ले जाने के लिए परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की, तो 16 घंटे इंतजार के बाद एंबुलेंस आया। मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ित परिजनों से बात करते हुए कमिश्नर से जांच कराने की बात कही है।
बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस की ही वरिष्ठ नेता अनुराधा मिश्रा ने ट्वीट किया था। जिसके बाद शासन को मामले की जानकारी हुई। इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुरेश खन्ना ने पीड़ित परिवार के सदस्य और भाजपा कार्यकर्ता शिवम पांडेय से फोन पर वार्ता की।
शिवम ने बताया कि रिश्तेदार की तीन जुलाई को तबीयत खराब हुई। घर के पास एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार दिन बाद हालत बिगड़ी तो गोलघर के प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए। सुधार न हुआ तो आठ जुलाई को बीआरडी में भर्ती कराया गया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने जांच की। नौ जुलाई की शाम 5 बजे उनकी मौत हो गई। मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत की वजह दिल का दौरा लिखा है। साथ ही यह भी लिखा है कि कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है।
रिपोर्ट निगेटिव की सूचना पर परिजन शव को लेकर घर आ गए। इस बीच 50 से 60 रिश्तेदार भी जुट गए। इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज से फोन पर सूचना दी गई कि वह पॉजिटिव है। इसके बाद शव के लिए एंबुलेंस को फोन किया गया तो अगले दिन 11.30 बजे एम्बुलेंस आई। इसके बाद अंतिम संस्कार हो सका। इस मामले में मरीज की वास्तविक रिपोर्ट अब तक नहीं मिल सकी है।
कमिश्नर से की शिकायत
स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में परिजनों को आश्वासन दिया कि गंभीरता से जांच की जाएगी। अगर किसी स्तर पर लापरवाही होगी तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद परिजनों ने पूरे मामले में विस्तृत शिकायत कमिश्नर की है।