कासगंज। सोशल मीडिया पर फेसबुक की आईडी हैक करने के बाद या फिर फर्जी आईडी बनाने के उपरांत फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर, इमरजेंसी बताकर धनराशि की मांग की जा रही है। ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं। भले ही लोगों ने इन मामलों में पुलिस का सहयोग नहीं लिया है, लेकिन लोगों द्वारा सतर्कता और सावधानी पूरी तरह बरती जा रही हैं।
बीते एक सप्ताह में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें फेसबुक आईडी के माध्यम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर दोस्ती जताकर धनराशि की मांग की जा रही है। कासगंज के सहावर गेट इलाके में स्थित टेंट व्यवसाई महेंद्र पाल सिंह के मुताबिक उसकी फेसबुक आईडी पर सत्यवीर सिंह नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। दोस्ती के साथ अपनी इमरजेंसी बताकर उससे धनराशि की मांग की गई। साथ ही पेटीएम नंबर भी उपलब्ध कराया गया। पहले तो महेंद्र पाल इस मामले को समझ नहीं पाया लेकिन बाद में उसने लोगों के बीच चर्चा की तब इस मामले का फर्जी होने का खुलासा हुआ।
इसी तरह अमापुर रोड निवासी व्यवसाई धर्मेंद्र चौहान के मित्र सुरेंद्र शर्मा की आईडी को हैक कर धर्मेंद्र से धनराशि की मांग की गई। यही नहीं अकाउंट नंबर मांगने पर पेटीएम का नंबर भी दिया गया। जब धर्मेंद्र ने सीधे-सीधे सुरेंद्र शर्मा से बात की तब इस मामले का खुलासा हुआ। उसने बताया कि सुरेंद्र शर्मा की ओर से कोई भी धनराशि की मांग नहीं की गई थी। उसकी आईडी हैक कर हैकर्स द्वारा धनराशि की मांग की जा रही थी।
इसी तरह मोहल्ला मोहन निवासी एक अन्य युवक की फेसबुक आईडी पर पुलिस अधिकारी के रूप में रमेश गुप्ता नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। इसके बाद 10 हजार की डिमांड की गई। जब युवक ने खाता संख्या मांगा तो दूसरी ओर से पेटीएम नंबर दिया गया। इस मामले समझते देर न लगी कि पुलिस अधिकारी दस हजार रूपए एफबी पर बिना जान पहचान के कैसे मांग सकता है। इस तरह के और भी कई मामले प्रकाश में आए हैं। इन लोगों ने भले ही पुलिस को इस तरह की जानकारी नहीं दी है। लेकिन लोग इस मामले को लेकर पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरत रहे हैं।