कोरोना ने एक बार फिर दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। कोरोना की तीसरी लहर ने कई देशों में देशव्यापी लॉकडाउन लगाने को मजबूर कर दिया है। जी हां फ्रांस में कोरोना इस कदर फैल रहा है जिसकी वजह से वहां की सरकार एक बार फिर लॅाकडाउन लगाने पर मजबूर हो गई है। इसकी घोषणा बीते दिन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने की और कहा कि स्कूलों को तीन सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाए ताकि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने में मदद मिले।
उन्होंने कहा कि अगर तीसरी लहर को नही रोका गया तो ये अस्पतालों के लिए भारी पड़ सकता है। इसके लिए अभी से अगर अभी हमने अभी ठोस कदम नहीं उठाया तो हम कोरोना पर नियंत्रण खो देंगे।’ टेलीविजन पर प्रसारित एक संदेश में उन्होंने कहा कि इस दौरान केवल जरूरी सामान की दुकानों ही खुलेंगी और लोगों को दफ्तरों की बजाय घर से काम करना होगा। साथ ही सार्वजनिक सभाओं पर पूरी तरह रोक होगी।
यही नही राष्ट्रपति जरुरी न होने पर आप अपने घर से 10 किलोमीटर से अधिक दूर नहीं जा सकेंगे। अगले सप्ताह से स्कूलों को भी तीन सप्ताह के लिए बंद रखा जाएगा। इस दौरान पड़ने वाले इस्टर शुक्रवार के दिन लोगों को इजाजत होगी कि लॉकडाउन के दौरान जहां रहना चाहते हैं वहां जा सकते हैं। कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इस पर काबू पाना मुश्किल नहीं है, ऐसे में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि फ्रांस में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 46.46 लाख पहुंच चुका है जबकि अब तक 95,502 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल 5,000 लोग कोरना के कारण आईसीयू में भर्ती हैं।
हाल के दिनों में यहां ब्रिटेन के नए वेरिंएट के कोरोना वायरस के कारण संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई है। बीते दिन 31 मार्च को एक दिन में संक्रमण के 29,575 मामले दर्ज हुए। वहीं 28 मार्च को 41,682 और 29 मार्च को 37,014 मामले दर्ज किए गए थे।
वहीं फ्रांस के अलावा जर्मनी में भी कोरोना वायरस से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। यहां भी 14 दिनों के लिए सख्त लॉकडाउन लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। जर्मन स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पैन ने बताया कि इस पर नियंत्रण पाने के लिए देश में 10 से 14 दिनों का लॉकडाउन लगाना बेहद जरूरी है।
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के चीफ ऑफ स्टाफ हेग ब्राउन ने भी देश के हालात को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हम इस समय खतरनाक दौर से गुजर रहे हैं। हमें अगले कुछ हफ्तों में कोरोना पर काबू पाना होगा।
आने वाले कुछ हफ्ते यह निर्धारित करेंगे कि क्या हम महामारी पर नियंत्रण पा सकते हैं या नहीं? अगर संक्रमण इसी तरह बढ़ता रहा, तो कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा भी बढ़ जाएगा और शायद इससे वैक्सीन के प्रभाव पर भी असर पड़ेगा।