नई दिल्ली। पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। ये राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार चुनाव शेड्यूल जारी किया। इसके मुताबिक पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 8 फेज में चुनाव होंगे। असम में 3 फेज में और बाकी तीनों राज्यों में सिंगल फेज में चुनाव होंगे। वोटिंग की शुरुआत पश्चिम बंगाल और असम से होगी। इन दोनों राज्यों में पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को होगी। पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
घर-घर चुनाव प्रचार के लिए पांच लोगों के साथ जाने की अनुमति
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जानकारी दी कि चुनाव के दौरान नियमों का पालन अनिवार्य होगा। घर-घर चुनाव प्रचार के लिए पांच लोगों के साथ जाने की अनुमति होगी। नामांकन की प्रक्रिया और सिक्योरिटी मनी ऑनलाइन भी जमा होगी। रैली के मैदान तय होंगे। सभी राज्यों में सुरक्षा बल पहले ही भेज दिए जाएंगे।
बंगाल में 8 फेज का शेड्यूल
पहला फेज
सीटें: 30 (पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर)
अधिसूचना: 2 मार्च
नामांकन: 9 मार्च
स्क्रूटनी: 10 मार्च
नाम वापसी: 12 मार्च
वोटिंग: 27 मार्च
काउंटिंग: 2 मई
दूसरा फेज
सीटें: 30 (बांकुड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण-24 परगना)
अधिसूचना: 5 मार्च
नामांकन: 12 मार्च
स्क्रूटनी: 15 मार्च
नाम वापसी: 17 मार्च
वोटिंग: 1 अप्रैल
तीसरा फेज
सीटें: 31
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
चौथा फेज
सीटें: 44
अधिसूचना: 16 मार्च
नामांकन: 23 मार्च
स्क्रूटनी: 24 मार्च
नाम वापसी: 26 मार्च
वोटिंग: 10 अप्रैल
पांचवां फेज
सीटें: 45
अधिसूचना: 23 मार्च
नामांकन: 30 मार्च
स्क्रूटनी: 31 मार्च
नाम वापसी: 3 अप्रैल
वोटिंग: 17 अप्रैल
छठा फेज
सीटें: 43
अधिसूचना: 26 मार्च
नामांकन: 3 अप्रैल
स्क्रूटनी: 5 अप्रैल
नाम वापसी: 7 अप्रैल
वोटिंग: 22 अप्रैल
सातवां फेज
सीटें: 36
अधिसूचना: 31 मार्च
नामांकन: 7 अप्रैल
स्क्रूटनी: 8 अप्रैल
नाम वापसी: 12 अप्रैल
वोटिंग: 26 अप्रैल
आठवां फेज
सीटें: 35
अधिसूचना: 31 मार्च
नामांकन: 7 अप्रैल
स्क्रूटनी: 8 अप्रैल
नाम वापसी: 12 अप्रैल
वोटिंग: 29 अप्रैल
असम: 3 फेज में चुनाव
पहला फेज
सीटें: 47
अधिसूचना: 2 मार्च
नामांकन: 9 मार्च
स्क्रूटनी: 10 मार्च
नाम वापसी: 12 मार्च
वोटिंग: 27 मार्च
दूसरा फेज
सीटें: 39
अधिसूचना: 5 मार्च
नामांकन: 10 मार्च
स्क्रूटनी: 16 मार्च
नाम वापसी: 17 मार्च
वोटिंग: 1 अप्रैल
तीसरा फेज
सीटें: 40
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
केरल: एक फेज में चुनाव
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
तमिलनाडु: एक फेज होगा
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
पुडुचेरी का शेड्यूल
अधिसूचना: 12 मार्च
नामांकन: 19 मार्च
स्क्रूटनी: 20 मार्च
नाम वापसी: 22 मार्च
वोटिंग: 6 अप्रैल
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग लोगों, जरूरी सेवाओं में लगे जिन लोगों की स्थानीय चुनाव अधिकारी पहचान करेंगे, वे पोस्ट बैलट से मतदान कर सकेंगे। सभी चुनाव अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन होगा। वोट डालने का समय 1 घंटा ज्यादा होगा। अरोड़ा के मुताबिक 5 राज्यों में 824 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए इस बार 18.68 करोड़ वोटर हैं और 2.7 लाख मतदान केंद्र होंगे।
पांचों राज्यों में पोलिंग बूथ बढ़ाए गए
अरोड़ा ने बताया कि असम में 2016 में 24,890 चुनाव केंद्र थे, इस बार 33,530 बूथ होंगे। तमिलनाडु में 2016 में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में 88,936 होंगे। केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब 40,771 होंगे। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 पोलिंग बूथ थे, इस बार 1 लाख 1 हजार 916 होंगे।
अरोड़ा ने कहा, ‘पिछले साल जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, तब दुनियाभर के चुनाव आयोगों के सामने चुनाव कराना चुनौती थी। कई देशों ने ऐसे हालात में भी हिम्मत दिखाई और कुछ बदलाव और एहतियात बरतते हुए चुनाव कराए। चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर जून 2020 में चुनाव कराकर शुरुआत की। हमारे लिए बड़ी चुनौती बिहार थी। वहां 7.3 करोड़ वोटर थे। यह हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी।’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी है कि बिहार के वोटरों ने भी भरोसा दिखाया और चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। बिहार में कई अधिकारियों को कोरोना था, इसके बावजूद वे चुनाव तैयारियों को देखते रहे। आपको जानकर खुशी होगी कि बिहार में वोटिंग में 57.3% वोटिंग हुई जो पिछले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा थी।’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम विधानसभा चुनाव का कार्यकाल 31 मई तक है। इसी तरह तमिलनाडु विधानसभा का 24 मई, बंगाल का 30 मई, केरल का 1 जून और पुडुचेरी का 8 जून तक का कार्यकाल है।
बतौर चुनाव आयुक्त 11 चुनाव और बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त 14 चुनाव देख चुके अरोड़ा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने एक शेर भी पढ़ा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती, जो अपना काम करते हैं।
पश्चिम बंगाल में 294 सीटें
प्रदेश में अभी तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। 2016 के चुनाव में TMC को 211 सीटें मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 18 सीटें जीती थीं। इसलिए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। इस बार का चुनाव TMC बनाम BJP हो गया है। यहां कांग्रेस, वामदलों और इंडियन सेकुलर फ्रंट के बीच गठबंधन तय है। फुरफुरा शरीफ की इंडियन सेकुलर फ्रंट को 30 सीटें दी गई हैं।
केरल में 140 सीटों पर लड़ाई
देश में लेफ्ट के आखिरी गढ़ बने केरल में 140 सीटों पर चुनाव होने हैं। यहां लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है।
तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटें
यहां 134 सीटें जीतकर AIDMK ने सरकार बनाई थी। DMK को 97 सीटें मिली थीं।
असम में 126 सीटों पर चुनाव
पिछली बार यानी 2016 में यहां भाजपा की सरकार बनी थी। उसे 60 सीटें मिली थीं। सहयोगी दलों को 26 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 26 और AIUDF को 13 सीटें मिली थीं।
पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटें
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 सीटें हैं। यहां विधानसभा में 3 नामित सदस्य होते हैं। यहां अब तक कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन पिछले हफ्ते ही कई विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी। इससे सरकार अल्पमत में आ गई। CM नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा। अभी यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राज्यों की सौगात
चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले पुडुचेरी में पेट्रोल-डीजल सस्ता किया गया है। उपराज्यपाल ने पेट्रोल-डीजल पर वैट 2% घटाने का ऐलान किया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डेली वेज वर्कर्स की मजदूरी में बढ़ोतरी कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वेस्ट बंगाल अर्बन एम्प्लॉयमेंट स्कीम के तहत डेली वेज वर्कर्स की मजदूरी बढ़ा दी गई है।
अनस्किल्ड लेबर के लिए इसे 144 से बढ़ाकर 202 रुपए किया गया है। सेमी स्किल्ड वर्कर को 172 के बजाय 303 रुपए मिलेंगे। स्किल्ड लेबर की नई कैटेगिरी बनाई गई है। उन्हें 404 रुपए मिलेंगे। कुल 56,500 वर्कर्स को इससे फायदा मिलेगा।