बगावती नेताओं से किनारा करने के मूड में काँग्रेस, राजाराम पाल के डेमेज कंट्रोल में जुटी

कानपुर। प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक और पूर्व सांसद राजाराम पाल के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी नेतृत्व ने ऐसे लोगों को चिन्हित करने का कार्य शुरू किया है, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपना रहे हैं। कांग्रेस के 50 उम्मीदवारों की लिस्ट जिसको दशहरा से पहले जारी होना था, उस सूची को शीर्ष नेतृत्व में नए सिरे से बनाये जाने का फैसला किया है।

पार्टी नेतृत्व का मानना है कि कार्यकर्तायों और पदाधिकारियों की नई खेप तैयार की जाये, जो काँग्रेस का भविष्य बन सके। फिलहाल कानपुर शहर और देहात में राजाराम पाल के पार्टी छोड़ कर जाने से हुये नुकसान की भरपाई के लिये पिछड़ी जाति के नये चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है। साथ ही पार्टी नेतृत्व मौक़ापरस्त पार्टी नेताओं से किनारा करने का मन बना चुकी है।

पिछड़ी जाति के प्रदेश पदाधिकारी को दी जायेगी ज़िमेदारी,

राजाराम पाल के काँग्रेस छोड़ कर सपा में शामिल होने के बाद पार्टी अब इसकी भरपाई में जुट गई है। इस क्रम में पार्टी ने पिछड़ों की टीम को ज्यादा सक्रिय करने और पाल बिरादरी से एक नेता को सक्रिय करने को कहा गया है। आपको बता दे कि राजाराम पाल कानपुर ग्रामीण और देहात की राजनीति में जमीन से जुड़े नेता माने जाते रहे है। इनका कांग्रेस छोड़ कर जाना काँग्रेस का बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।

काँग्रेस करेगी पिछड़ों का सम्मेलन

कानपुर ग्रामीण के घाटमपुर का फिर देहात के माती मुख्यालय में काँग्रेस बहुत जल्द एक पिछड़ा वर्ड सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। इसकी रूपरेखा भी लगभग तय कर ली गयी है। दीवाली के बाद पिछड़ा वर्ग सम्मेलन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके सम्मेलन के बहाने पार्टी पिछड़ों के बीच अपनी ताकत का एहसास भी कराना चाहती है, साथ ही संदेश में भी देना चाहती है।

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