नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में बचपन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया। उद्यमी और स्टॉक ब्रोकर निखिल कामथ के पॉडकास्ट शो ‘पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ’ में बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि वो वो बचपन में कैसे स्टूडेंट थे।
उन्होंने कहा कि वो बचपन में एक साधारण छात्र थे। स्कूल में कोई उन्हें नोटिस करे, उनमें ऐसा कुछ नहीं था। हालांकि टीचर्स उन्हें बहुत प्यार करते थे।
उन्होंने पॉडकास्ट में बताया कि उन्हें ज्यादा पढ़ना और कॉम्पिटिशन जैसी चीजें पसंद नहीं थी। वो इन चीजों से दूर भागते थे। पीएम मोदी ने कहा कि वो एक साधारण स्टूडेंट थे।
पढ़ाई में कैसे थे पीएम मोदी?
वहीं, पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने एक टीचर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,”एक टीचर थे वे एक दिन पिता जी से मिलने आए। उन्होंने पिताजी से कहा कि इसके अंदर एक टैलेंट है। हर चीज बहुत जल्दी ग्रैस्प करता है, लेकिन फिर अपनी दुनिया में खो जाता है। मुझसे टीचर की बहुत अपेक्षा रहती थी।
हालांकि, मुझे ज्यादा पढ़ना पसंद नहीं था। मेरा रहता था कि परीक्षा पास कर लो, निकल लो, बस ऐसा ही रहता था। हालांकि एक्टिविटी मैं बहुत करता था। कुछ भी नई एक्टिविटी हो उसे पकड़ लेना, ऐसा मेरा नेचर था।
सीएम बनने के बाद जब बचपन के दोस्त से की मुलाकात
पीएम मोदी से पॉडकास्ट के दौरान अपने बचपन के दोस्तों के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि बचपन में ही अपना घर छोड़ना पड़ा था, जिसकी वजह से मैं अपने स्कूली दोस्तों से संपर्क नहीं रख सका। पीएम ने कहा कि जब मैं पहली बार सीएम बना तो मेरे मन में आया कि क्यों न अपने स्कूली दोस्तों को बुलाया जाए। सीएम बनने के बाद मैंने बचपन के दोस्तों को अपने आवास पर बुलाया। लगभग 35 दोस्त आए भी, लेकिन उनमें दोस्ती नहीं दिखी। पीएम ने कहा कि मुझे मजा नहीं आया, क्योंकि मैं उनमें अपना दोस्त खोज रहा था, लेकिन वो मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर ही देख रहे थे।
अब कोई तू बोलने वाला नहीं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे अब कोई तू कहने वाला नहीं बचा है, क्योंकि अब मुझे हर कोई औपचारिक और सम्मानजनक रूप से ही संबोधित करते हैं। पीएम ने बताया कि उनके एक टीचर थे, रासबिहारी मणियार जो हमेशा चिट्ठी लिखते हुए तू बोलते थे। पीएम ने कहा कि हाल ही में 94 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया, जिसके बाद कोई तू कहने वाला नहीं बचा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपना पहला पॉडकास्ट रिकॉर्ड किया। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी का यह पॉडकास्ट निखिल कामथ के यूट्यूब चैनल ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ पर अपलोड किया गया है। जब अमेरिका ने 2005 में वीजा देने से मना कर दिया तो पीएम मोदी ने उस पर भी चर्चा की।
युवाओं को क्या सलाह देंगे
निखिल कामथ ने पीएम मोदी से पूछा कि प्री-सोशल मीडिया के समय आप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पोस्ट-सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री हैं। इस दौरान राजनीति कैसे बदली है? निखिल ने यह भी पूछा कि आज के युवाओं को सोशल मीडिया के बारे में क्या सलाह देना चाहेंगे? जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं छोटे बच्चों से मिलता हूं तो वे भी मुझसे यह सवाल पूछते हैं। मुझे भी काफी अच्छा लगता है।
पीएम मोदी ने सुनाया अहमदाबादी किस्सा
पीएम मोदी ने कहा कि कभी कोई बच्चा मुझसे पूछता है कि खुद को आप टीवी पर देखते हैं तो कैसा लगता है, कुछ बच्चे पूछते हैं कि दिन- रात आपको इतनी गालियां पड़ती हैं तो कैसे लगता है? पीएम मोदी ने कहा कि तब मैं बच्चों को एक चुटकुला सुनाता हूं। मैं कहता हूं कि मैं अहमदाबादी हूं। हमारे अहमदाबादी लोगों की अलग ही पहचान है। मैंने बच्चों को बताया कि एक अहमदाबादी स्कूटर से जा रहा था।
रास्ते में किसी से टक्कर लग गई। सामने वाला व्यक्ति गुस्से में आ गया। तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई। सामने वाला व्यक्ति गालियां देने लगा। मगर अहमदाबादी बिल्कुल शांत था। तभी वहां तीसरा व्यक्ति पहुंचा और कहने लगा भाई आप कैसे इंसान हो, यह गालियां दे रहा है और आप ऐसे ही खड़े हो? जवाब में अहमदाबादी ने कहा कि भाई कुछ दे ही रहा है… ले तो नहीं रहा है।
मोटी चमड़ी होने पर नहीं सोचना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने भी मन बना लिया। अगर कोई गालियां दे रहा है तो ठीक है। जिसके पास जो होगा, वही देगा। मेरे पा जो होगा, मैं वह दूंगा। पीएम मोदी ने कहा कि आपका सत्य के धरातल पर रहना जरूरी है। आपके दिल में कोई पाप नहीं होना चाहिए। ऐसा सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में है। इसलिए हमें मोटी चमड़ी के लिए अधिक नहीं सोचना चाहिए।
निखिल कामथ ने पीएम मोदी से पूछा कि सबसे अधिक परेशान करने वाला समय क्या था? इस पर पीएम मोदी ने अमेरिका के 2005 के फैसले का जिक्र किया। जिसमें अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना गया मुख्यमंत्री था। मगर अमेरिका की सरकार ने मुझे वीजा देने से मना कर दिया।पीएम ने कहा कि मेरे जीवन में अमेरिका जाना कोई बड़ी चीज नहीं थी। मैं पहले भी जा चुका था। मगर मैं एक चुनी हुई सरकार, एक राज्य और एक देश का अपमान महसूस करता था। बस मन में एक कसक थी कि कुछ लोगों ने एक झूठ चला दिया और यह निर्णय ले लिया गया। क्या ऐसी दुनिया चलती है? पीएम मोदी ने कहा कि मैंने उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि मैं एक ऐसा हिंदुस्तान देखता हूं कि दुनिया वीजा के लिए लाइन पर खड़ी रहेगी।