नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार से पूछा कि जब राजधानी में प्रदूषण इस हद तक बढ़ चुका है, तो आखिर स्कूल क्यों खुले हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा लागू कर सकती है, तो आखिर बच्चों को जबरदस्ती क्यों स्कूल जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील एएम सिंघवी से मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि हम इसे आक्रामक रूप से देख रहे हैं और आपने हमें बताया था कि स्कूल बंद हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। 3 से 4 साल के बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है।
सीजेआई ने कहा कि आज के अखबार में देखिए बच्चे स्कूल जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप आदेश चाहते हैं, तो हम किसी को नियुक्त कर सकते हैं। जस्टिस रमन्ना ने कहा कि बड़ों को घर से काम करना पड़ता है और बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है। जस्टिस सूर्यकांत ने भी कहा कि किसी भी चीज का पालन नहीं हो रहा है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने युवाओं के प्रदर्शन को लेकर भी सरकार की फटकार लगाई। दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से कुछ युवाओं ने सड़क के किनारे खड़े होकर रेड लाइट पर ‘कार का इंजन बंद’ करने का संदेश दिया था। इन पोस्टर्स पर अरविंद केजरीवाल की भी फोटो थी।