वाराणसी। पूर्वांचल में पहली बार वाराणसी के मंडलायुक्त कार्यालय परिसर में 18 मंजिला दो इमारतें बनाई जाएंगी। इस एकीकृत आयुक्त परिसर के लिए राज्य सरकार की मंजूरी मिल गई है। जून के आखिरी हफ्ते तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली जाएगी। इन दोनों इमारतों में से एक का इस्तेमाल मंडल स्तर के 44 सरकारी कार्यालयों के लिए किया जाएगा। वहीं, दूसरी इमारत का पूर्णतया व्यावसायिक इस्तेमाल होगा। इस प्रोजेक्ट में 250 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
3 एकड़ जमीन में एक जगह होंगे मंडल के सारे कार्यालय मंडलायुक्त कार्यालय परिसर का क्षेत्रफल 6.44 एकड़ है। प्रस्तावित दोनों बहुमंजिला इमारत के लिए 3 एकड़ जमीन का उपयोग किया जाएगा। दोनों ही इमारतों की सबसे ऊपरी मंजिल में स्काईवॉक भी होगा। 2 बहुमंजिला इमारतें बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि मौजूदा समय में मंडल स्तरीय 13 विभागों के कार्यालय शहर में अलग-अलग स्थान पर उनके अपने भवनों में चल रहे हैं।
शेष अन्य कार्यालय किराये के भवन में चलते हैं और उनके रखरखाव की स्थिति बेहद ही खराब है। ऐसे में एक ही जगह सभी सरकारी विभागों के मंडलीय कार्यालय हो जाएंगे तो मंडल के अलग-अलग जिलों से आने वाले लोगों को एक जगह से दूसरी जगह भटकना नहीं पड़ेगा।
पीपीपी मॉडल पर बनेगा प्रोजेक्ट, सरकार का पैसा नहीं लगेगा मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है। इसलिए इस प्रोजेक्ट में सरकार का पैसा नहीं खर्च होगा। दोनों इमारत भूतल और 18 मंजिले की होगी।
प्रत्येक इमारत में डबल फ्लोर बेसमेंट पार्किंग की सुविधा होगी। जिस इमारत में 44 सरकारी कार्यालय चलेंगे, उसके रखरखाव का खर्च वहन करने के लिए दो फ्लोर पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी होंगे। वहीं दूसरी इमारत का पूरी तरह से व्यावसायिक इस्तेमाल होगा और वह निर्माण कार्य कराने वाली कार्यदायी संस्था के अधीन होगी।
डीपीआर को अंतिम रूप देने के बाद प्रस्तावित इमारतों के निर्माण कार्य के लिए वाणिज्यिक निविदा आमंत्रित कर नियम और शर्तें तय की जाएगी। नागपुर स्थित एक फर्म को इस प्रोजेक्ट के लिए सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।