बर्फीले मौसम में जीरो पॉइंट तक पेट्रोलिंग कर रहे जवान, बोले- अब चकमा नहीं दे सकता चीन

तवांग सेक्टर। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच चीन सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवान हाई अलर्ट पर हैं। बर्फीले मौसम में जवान स्नो-सूट पहनकर सीमा पर जीरो लाइन तक पेट्रोलिंग कर रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की साजिश को नाकाम किया जा सके।

कड़ाके की ठंड में चुनौती बढ़ी
ITBP के 55वें बटालियन कमांडर आईबी झा ने बताया कि हमारे जवान हाईअलर्ट पर है। चीन अब हमें चकमा नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि सीमा पर अतिक्रमण जैसी घटनाएं होती हैं, तब हमें ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत होती है। कड़ाके की ठंड में हमारे सामने चुनौतियां बढ़ जाती हैं, लेकिन हमारे चौकन्ने होने की वजह से अब कोई चकमा नहीं दे सकता।

लद्दाख सेक्टर में हमारे जवान बहादुरी से लड़े
अप्रैल-मई में चीन के साथ हुए संघर्ष में ITBP के जवानों की बहादुरी पर उन्होंने कहा कि हमारे जवान लद्दाख सेक्टर में बहादुरी से लड़े और देश की सुरक्षा की। यहां तैनात सैनिक कहते हैं कि उनके साथियों ने वहां देश की सुरक्षा के लिए जान करी बाजी लगा दी और अगर उन्हें भी ऐसा करने का मौका मिला, तो वे पीछे नहीं हटेंगे।

इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों को डेवलप किया गया
कमांडेंट झा ने बताया कि पिछले कुछ समय में हमारी सीमा में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी काम किया गया है, जिससे हमारे जवान पेट्रोलिंग के लिए LAC पर तवांग सेक्टर में सीमा के करीब (जीरो लाइन के पास) जा सकते हैं। इससे हमें जवाबी कार्रवाई करने में मदद मिलती है।

इसके साथ ही जवानों के लिए ड्रेस जैसी जरूरी संसाधनों पर भी काम किया गया है। यहां इन दिनों 40 से 50 नॉट्स के आसपास हवाएं चल रही हैं और हाल ही में यहां बर्फबारी भी शुरू हो गई है। ऐसे में जवान स्नो-सूट पहनकर इलाके में तैनात हैं।

तवांग संवेदनशील सेक्टर्स में से एक
LAC पर नॉर्थ-ईस्ट में तवांग काफी संवेदनशील सेक्टर्स में से एक है। 1962 वार के दौरान चीनी सेना यहीं से भारतीय इलाके में काफी अंदर तक घुसने में कामयाब हो गई थी। हालांकि, इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए और दुश्मन की हरकत से बचने के लिए के इंडिया आर्मी यहां बड़े पैमाने पर तैनात है।

15000 फीट की ऊंचाई पर याक से सामान पहुंचा रहे
LAC के नजदीक फॉरवर्ड पर तैनात जवान ने बताया कि हमारे जवान इलाके में ऐसी जगह भी तैनात हैं, जहां सड़कों के जरिए पहुंचना संभव नहीं हैं। इसलिए हम 15,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित फॉरवर्ड पोस्ट तक फ्यूल जैसे जरूरी संसाधनों को पहुंचाने के लिए याक का इस्तेमाल करते हैं। इसके जरिए हम 90 किलोग्राम तक वजन ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं।

मई से जारी है तनाव
8 महीने से ज्यादा समय से सीमा पर चल रहा विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बीच आए दिन सीमा पर चीनी निर्माण की खबरें आती रहीं हैं। कुछ दिन पहले रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर तेजी से रडार लगाने में जुटा है।

लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।

9 दौर की बातचीत हो चुकी
दोनों देशों की सेना के बीच कोर कमांडर लेवल पर कुल 9 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी बार दोनों के बीच 10 दिसंबर को फॉरेन मिनिस्ट्री लेवल पर बातचीत हुई थी।दोनों देशों के बीच यह बातचीत फॉरवर्ड एरिया से अपने सैनिकों को हटाने और शांति कायम रखने को लेकर हुई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here