कानपुर। जिला पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस सभी दलों ने उम्मीदवारों के नाम तय करने शुरू कर दिए हैं। बसपा ने के मुख्य सेक्टर प्रभारी मुनकाद अली ने दावेदारों के नाम मांग लिए हैं और कानपुर मंडल में एक- एक सीट जीतने के लिए मुख्य सेक्टर प्रभारियों की फौज उतार दी है। स्थिति यह है कि पार्टी अब उन्हें उम्मीदवार बनाने की सोच रही है जिनकी छवि समाज में अच्छी हो और वे पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हों।
ऐसे लोग जो हाल ही में दूसरे दलों से आए हैं शायद ही पार्टी उनके नाम पर विचार करे। पार्टी चाहती है कि हर जिले में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बने। इसके लिए भाईचारा कमेटियों को भी सक्रिय किया गया है।
पंचायत चुनाव में बसपा का प्रदर्शन
बसपा 2001 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद जीत चुकी है। तब पार्टी नेता मीरा संखवार अध्यक्ष बनीं थीं। इसके बाद बसपा ने इस सीट पर 2011 में इस सीट पर कब्जा किया और रीता कुशवाहा के सिर ताज सजा, लेकिन पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों की दगाबाजी के कारण ही पार्टी को 2012 में यह पद गंवाना पड़ा, क्योंकि सपा के देवेंद्र कटियार द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बसपा के जिला पंचायत सदस्यों ने भी वोट किया और रीता कुशवाहा को अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। देवेंद्र कटियार अध्यक्ष बन गए। इसके बाद के चुनाव में भी सपा जीती और यहां से पुष्पा कटियार अध्यक्ष बनीं। बसपा 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बुरी तरह हारी।
अब 2022 में चुनाव होना है और बसपा की कोशिश है कि इस बार सूबे की सत्ता पर काबिज हुआ जाए। इसीलिए पार्टी जिला पंचायत चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना चाहती है। इसीलिए पार्टी ने जिलावार दो- दो मुख्य सेक्टर प्रभारी तैनात कर दिए हैं। अब सेक्टर प्रभारी ही दावेदारों की स्क्रीनिंग करेंगे और फिर प्रदेश मुख्यालय से प्रत्याशियों के नाम का एलान किया जाएगा।
दावेदारों के नाम फाइनल करने की जिम्मेदारी मुख्य सेक्टर प्रभारी मुनकाद अली, बौद्ध प्रिय गौतम, प्रवेश कुरील, राजकुमार कप्तान, दीप सिंह, डीआर त्यागी के साथ जिला अध्यक्ष राम शंकर कुरील, मोहन मिश्रा जिला उपाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष रामनारायण निषाद को दी गई है।