प्रयागराज। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। संदीप और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा था। इस प्रकरण में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। लल्लू 29 दिन बाद जेल से रिहा हुए थे। वहीं, संदीप ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी।
5 अगस्त को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
इस प्रकरण की आखिरी सुनवाई 5 अगस्त को हुई थी। कोर्ट ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संदीप के अधिवक्ता नदीम मुर्तजा के मुताबिक कोर्ट ने सरकारी वकील के आग्रह पर सुनवाई गुरुवार को नियत की थी जो नहीं हो सकी। आज न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने अग्रिम जमानत मंजूर कर लिया। काेर्ट ने कहा कि यह कोई आपराधिक मामला नहीं है। नदीम मुर्तजा ने कहा कि, राजनीतिक प्रतिशोध के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
यह था मामला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर यूपी में श्रमिकों के लिए 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। सरकार ने अनुमति देते हुए बदले में ड्राइवरों, बसों की डिटेल मांग ली थी। कांग्रेस की तरफ से सरकार को सूची उपलब्ध कराई गई, लेकिन जब जांच हुई तो सूची में कार, ऑटो, बाइक के नंबर भी मिले। इसके बाद बसों को चलाने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं, बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज कराया गया।
29 दिन बाद रिहा हुए थे लल्लू
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू को 20 मई को आगरा में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन करने के आरेाप में गिरफ्तार कर लिया गया था, किन्तु उन्हें अगले दिन जमानत मिल गयी। हालांकि, उसके तुरंत बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें दूसरे केस में गिरफ्तार कर लिया गया। 17 जून को जमानत मंजूर होने के 29 दिन बाद उनकी रिहाई हुई थी।