बसों के किराए को लेकर उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कांग्रेस को दिखाया आईना

लखनऊ। राजस्थान के aकोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने पर खर्च के भुगतान को लेकर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और घटिया राजनीति पर पार्टी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अप्रैल में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की 560 बसें कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के लिए भेजी थीं। हमारा अनुमान था कि वहां 10,000 विद्यार्थी हैं। बसों के भेजने के बाद सामने आया कि विद्यार्थियों की संख्या 12,000 है। कई विद्यार्थी वहां परेशान हैं। उनके खाने-पीने, ठहरने की समस्या हैं और उन्होंने भी उत्तर प्रदेश वापसी का विशेष आग्रह किया।
इस पर राजस्थान सरकार से वार्ता की गई और इन छात्रों को वापस लाने पर भी सहमति बनी। इसके लिए राजस्थान रोडवेज से कुछ बसें उपलब्ध कराने को कहा गया। उन्होंने बसों के भुगतान के लिए लिखित आवेदन मांगा, जो यूपीएसआरटीसी की ओर से उन्हें उसी समय दे दिया गया।
डीजल का पहले की भुगतान कर चुकी है यूपीएसआरटीसी
इसी दौरान यूपीएसआरटीसी की तरफ से राजस्थान रोडवेज से उत्तर प्रदेश की बसों के लिए डीजल उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया गया था, जिसके एवज में उन्हें 5 मई को ही 19.76 लाख रुपये का भुगतान करवा दिया गया था।
94 बसों के लिए किया गया 36.36 लाख का भुगतान
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि इसके बाद राजस्थान रोडवेज की ओर से कई रिमाइंडर भेजकर उनकी ओर से छात्रों के लिए मुहैया करायी गई 94 बसों का हवाला देते हुए 36,36,664 रुपये​ के बिल का भुगतान करने को कहा गया, जिसका भुगतान उप्र परिवहन निगम की ओर से कर दिया गया है।
दोहरी मानसिकता और सस्ती लोक​प्रियता पाना चाहती है कांग्रेस
उपुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता दिखाती हैं। उनके लिए बसें उपलब्ध कराने की बात करती हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी की सरकार छात्रों को लाने के बदले भुगतान के लिए रिमाइंडर पर रिमाइंडर भेजती है। ऐसी दोहरी मानसिकता उनके राष्ट्रीय नेतृत्व को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय कांग्रेस श्रमिकों के नाम पर बसों की राजनीति करती है। बच्चों को लाने के लिए ईंधन का पैसा मांगती है। ये लोग ओछी राजनीति के कारण सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हैं। इनकी मानसिकता संकीर्ण है।
राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में लाखों श्रमिक सड़कों पर पैदल चलने को मजबूर
उन्होंने कहा कि एक तरफ बार्डर पर बसें उपलब्ध कराने की बात कही जाती है, तो दूसरी ओर राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में लाखों श्रमिक सड़कों पर पैदल चलने को मजबूर हैं। उन्हें भोजन, पानी की समस्या है। कांग्रेस की चिंता इन लोगों के लिए क्यों नहीं है। उस राज्य की उन्हें क्यों चिंता सताती है, जहां पहले से ही 27,000 बसें प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी में लगी हुई हैं। 100 से अधिक ट्रेनों से बीते दिनों लगभग 10.50 लाख लोग और बसों से 07 लाख प्रवासी यहां आ चुके हैं।
गुमराह करने की साजिश का आरोप
प्रदेश सरकार उनके भोजन के साथ ठहरने के लिए एकांतवास केन्द्र (क्वारंटाइन सेन्टर) की व्यवस्था की है। रोजगार के लिहाज से उनकी सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में कांग्रेस को श्रमिकों से विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों से और देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। इनकी विश्वसनीयता उसी समय समाप्त हो गई थी जब इनकी उपलब्ध करायी सूची में गड़बड़ी मिली। राजस्थान रोडवेज की बसों को खड़ा कर दिया गया। सच्चाई सामने आने पर मिथ्या वर्णन किया गया। गुमराह करने की साजिश की गई।  दरअसल, राजस्थान सरकार की ओर से यूपीएसआरटीसी को 36 लाख रुपये का बिल भेजने के बाद बसों की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। अब प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को आईना दिखाते हुए घेरा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here