लखनऊ। उप्र परिवहन विभाग अपनी 9 हजार से ज्यादा बसों की वायरिंग चेक करेगा। इसके लिए सभी 9151 बसों की रिपोर्ट मांगी गई है। पिछले दिनों लगातार हो रही शार्ट सर्किट की घटनाओं की वजह से ऐसा हो रहा है। तय किया गया है परिवहन विभाग की बसों में वायरिंग और ब्रेकशू की जांच कराई जाएगी। दरअसल, पिछले दिनों वायरिंग की वजह से कई बसों में आगे लगने की सूचना आई है। इसको देखते हुए आला अधिकारियों ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा कुछ सुझाव भी जारी किए है।
ज्वलनशील सामग्री पर लेकर यात्रा करने से बचे
परिवहन विभाग ने सुझाव जारी किया है कि यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने से बचना चाहिए। दलील है कि यात्री बीड़ी सिगरेट पीकर बस के अंदर इधर-उधर डाल देते हैं। इन मानवीय भूलों से बस में आग लगने का बड़ा खतरा रहता है। एआरएम और आरएम को निर्देशित किया है कि वे अपने ड्राइवर और कंडक्टर को सजग बनाए। बस के अंदर कोई भी यात्री ज्वलनशील पदार्थ लेकर सफर न कर सके। बस के अंदर बीड़ी-सिगरेट पीने वाले यात्रियों पर तुरंत जुर्माना लगाए।
वायरिंग चेक कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजे
अभी तक की सूचना में आग लगने की बड़ी वजह वायरिंग में खराबी का आना है। कार्यशालाओं और डिपो के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बसों में वायरिंग की प्रापर चेकिंग करे और इसकी रिपोर्ट अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को सौंपे। यह बात भी सामने आ रही है कि ड्राइवर या कंडक्टर बस में अपनी मर्जी से बस में बिछे तारों के जाल से छेड़छाड़ कर लेते हैं। ऐसे में आग लगने का खतरा और भी बढ़ जाता है। इसी के चलते रोडवेज़ की सभी बसों वायरिंग की जांच के लिए पत्र लिखा गया है
क्या कहते है जिम्मेदार
इस बारे में उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक संजय शुक्ला का कहना है कि बसों की वायरिंग चेक करने आदेश जारी किया गया है। इसके साथ यह भी आदेश दिया गया है कि बस में कोई भी यात्री सिगरेट या बीड़ी पीता न मिले। ऐसे होने की स्थिति में यात्री के साथ दोनों जिम्मेदार होंगे।
जूनियर फोरमैन हुआ निलंबित
सोमवार को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम कानपुर क्षेत्र के आजाद नगर डिपो की बस संख्या यूपी 77 टी 4902 में लगी आग की घटना के बाद जूनियर फोरमैन अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है। कानपुर से लखनऊ आ रही सरोजनीनगर के वीआईपी तिराहे पर बैट्री की केबल की रगड़ने के कारण इस बस में आग लग गई थी।