न्यूयॉर्क। बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति बदतर होती जा रही है। वहां से हिंदुओं का भारत में पलायन अब भी जारी है। जिस हिसाब से उनका पलायन हो रहा है, ऐसा ही रहा तो 25 साल बाद बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। सेंटर फॉर डेमोक्रेसी प्लूरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
सीडीपीएचआर ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और तिब्बत में मानवाधिकार को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट शिक्षाविद, वकील, जज, मीडियाकर्मी और शोधकर्ताओं के एक समूह ने तैयार की है। इसके मुताबिक ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अब्दुल बरकत की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले 4 दशक में बांग्लादेश से 2.3 लाख से ज्यादा लोग हर साल पलायन कर रहे हैं।
पाक में हिंदू-सिख आबादी 2.5% रह गई: पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ साथ सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों को भी चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं। पाक में धार्मिक अल्पसंख्यकों का रहना जंग लड़ने से कम नहीं है। वहां हिंदू, सिख और ईसाई धर्म की युवा महिलाओं के साथ अपहरण, दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन आदि घटनाएं काफी हैं।
पाक की आबादी 21 करोड़ है। विभाजन के समय मजहबी जनसांख्यिकी प्रतिशत को आधार बनाएं तो हिंदू-सिखों की आबादी 3.5 करोड़ होनी थी। जो 50-60 लाख रह गई है। ज्यादातर हिंदू-सिखों ने या तो उत्पीड़न से त्रस्त होकर इस्लाम अपना लिया या पलायन कर लिया और जिसने विरोध किया, उसे मार दिया गया। उधर अफगानिस्तान में हिंदू अब लुप्त होने के कगार पर हैं। उनके मानवाधिकार खत्म कर दिए गए हैं।
देश में 1970 में करीब 7 लाख हिंदू-सिख थे, अब सिर्फ 200 हिंदू परिवार बचे हैं। तिब्बत में भी कमोबेश यही स्थिति है। चीन ने खासे प्रतिबंध लगा रखे हैं। वह सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान भी खत्म करने की कोशिश कर रहा है। मलेशिया में 6.4% आबादी हिंदुओं की है। लेकिन, हिंदुओं को यहां मुस्लिमों के समान अधिकार नहीं है।
उधर, इंडोनेशिया में पिछले कुछ सालों में मजहब के आधार पर कट्टरता बढ़ गई है और अब अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने लगा है। हिंदू बड़ी संख्या में निशाने पर हैं। श्रीलंका में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है।
बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भड़कीं तुलसी
भारतीय मूल की अमेरिकी नेता तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर गुस्सा जाहिर किया है। गबार्ड ने कहा कि वहां 50 सालों से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। पाक सेना ने 1971 में लाखों बंगाली हिंदुओं की हत्या की, दुष्कर्म किए और उन्हें घर से भगा दिया। ढाका यूनिवर्सिटी में महज एक ही रात में 5 से 10 हजार लोगों को मार दिया गया था। बांग्लादेश की आजादी के बाद भी हिंदुओं पर अत्याचारों का सिलसिला थमा नहीं है।